Sonam Wangchuk: लद्दाख के जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने एक बार फिर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का ऐलान किया है. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या केंद्रीय गृह मंत्री से मिलने की उनकी मांग पर सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आने के बाद उन्होंने शनिवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने का ऐलान किया है.


शीर्ष नेताओं ने नहीं मिलने दिया गया


वांगचुक ने शुक्रवार (4 अक्टूबर 2024) को कहा कि जब हमें राजघाट ले जाया गया और आश्वासन दिया गया कि हमें देश के शीर्ष तीन मंत्रियों में से एक से मिलने की तारीख मिलेगी तो हमने 48 घंटे बाद अपना भूख हड़ताल वापस ले लिया, लेकिन अब तक हमें कोई तारीख नहीं मिली है.


जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने कहा, "प्रधानमंत्री हमसे कुछ किलोमीटर की दूरी पर थे. हम उम्मीद कर रहे थे कि हम उनसे मिलेंगे." वांगचुक एक महीने पहले लेह शुरू हुई दिल्ली चलो पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे थे. इस पद यात्रा का आयोजन लेह एपेक्स बॉडी ने किया था. यह करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ मिलकर पिछले चार साल से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर आंदोलन चला रही है.


जंतर-मंतर पर अनशन करना चाहते हैं वांगचुक 


अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि वांगचुक दिल्ली में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कहां करेंगे. वांगचुक ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया है कि उन्हें जंतर-मंतर पर अनशन के लिए जगह मुहैया कराई जाए, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों और संगठनों ने अनुरोध किया है कि वे उन्हें विरोध प्रदर्शन के लिए जगह मुहैया कराएं.


इससे पहले सोमवार (30 सितंबर 2024) को सिंघु बॉर्डर पर सोनम वांगचुक और लद्दाख के 150 लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. इसके बाद बुधवार (2 अक्टूबर 2024) को उन्हें राजघाट स्थित महात्मा गांधी के स्मारक पर ले जाया गया और उसके बाद रिहा कर दिया गया.


बुधवार की रात को गृह मंत्रालय से मिले आश्वासन के बाद वांगचुक और 150 से ज्यादा लोगों ने राजघाट पर अपना अनिश्चितकालीन अनशन खत्म कर दिया था. 1 सितंबर को वांगचुक ने आदिवासी क्षेत्रों के लिए विशेष सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संविधान की छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने के लिए दिल्ली चलो पदयात्रा शुरू की थी. 


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