सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में सोने के बाद यूरेनियम मिलने की संभावना जताई जा रही है. इसके लिए सर्वे शुरू हो गया है. इसके मद्देनजर म्योरपुर ब्लॉक स्थित कुदरी पहाड़ी पर सर्वे के लिए खुदाई भी शुरू कर दी गई है. भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की टीम हेलीकॉप्टर के माध्यम से ऐरोमैग्नेटिक सिस्टम के जरिए कुदरी का सर्वे तेजी से कर रही है. इसके अलावा यहां से सटे पड़ोसी राज्यों में भी इसका सर्वे हो रहा है.


सर्वे में शामिल एक अधिकारी ने बताया, "सोनभद्र जिले के कुदरी पहाड़ी क्षेत्र में कई टन यूरेनियम मिलने की उम्मीद है. पहाड़ी पर जीएसआई की टीम तीन स्थानों पर सैंपल के लिए खुदाई करवा रही है. यूरेनियम कितनी गहराई पर है इसका पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए परमाणु ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की टीम लगी हुई है."


सोनभद्र के जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बताया "सर्वे टीम को सोना दो पहाड़ियों में मिला है. यूरेनियम का सर्वे चल रहा है. कुदरी पहाड़ी क्षेत्र में एरियल सर्वे चल रहा है. अभी इस मामले में वृहद जानकारी दी जाएगी. वहां पर यूरेनियम मिलने का अनुमान लगाया गया है."


वरिष्ठ खनन अधिकारी के. के. राय ने बताया, "जीएसआई की टीम लंबे समय से यहां काम कर रही है. सर्वे के बाद ही पता चलेगा कौन सी धातु है. यूरेनियम के भंडार का भी अनुमान है, इसके लिए कुछ अन्य टीमें खोज में लगी हैं. यूरेनियम का कुछ अंश मिला होगा, तभी सर्वे का कार्य तेजी से चल रहा है. अभी यह नहीं बताया जा सकता है कितना यूरेनियम मिल सकता है. पूर्णतया सर्वे के बाद ही पता चलेगा."


लखनऊ विश्वविद्यालय के भूगर्भ विज्ञान विभाग के प्रो़ ध्रुवसेन ने बताया, "प्राकृतिक अवस्था में मिलने वाले खनिज पदार्थ, जिनमें कोई धातु आदि महत्वपूर्ण तत्व हों, अयस्क कहलाते हैं. अलग-अलग क्षेत्रों के अयस्क की गुणवत्ता भिन्न होती है. खुदाई के दौरान मिलने वाला यूरेनियम कितना निकलेगा यह उसकी गुणवत्ता पर निर्भर करेगा."


उन्होंने बताया, "सोनभद्र के पहाड़ियों में यूरेनियम मिलता है. लेकिन उसका कंस्ट्रेशन कितना है यह जानना जरूरी है. यूरेनियम जिस देश में होता है, वह आर्थिक रूप से सुदृढ़ होता है. ऊर्जा की खपत जिस देश में ज्यादा होती है, उसे विकासित माना जाता है. इसीलिए पेट्रोलियम पदाथरे के अलावा अन्य श्रोत पर ध्यान दिया जा रहा है. अगर यूरेनियम अधिक मात्रा में मिल गया, तो इससे देश बहुत मजबूत होगा."


सोनभद्र की धरती में दफन है 3000 टन सोना
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में धरती के गर्भ में तकरीबन 3000 टन सोने की मौजूदगी का पता लगाया है. यह देश के मौजूदा कुल स्वर्ण रिजर्व के तकरीबन 5 गुना के बराबर है. सोनभद्र के जिला खनन अधिकारी के. के. राय ने शनिवार को बताया कि जीएसआई ने सोन पहाड़ी और हरदी इलाकों में लगभग 3000 टन सोने की मौजूदगी का पता लगाया है.


उन्होंने बताया कि जीएसआई ने वर्ष 1992-93 से ही सोनभद्र में सोना ढूंढने का काम शुरू किया था. अब इन ब्लॉकों की नीलामी का काम ईटेंडरिंग के जरिए जल्द शुरू किया जाएगा. राय ने बताया कि सोन पहाड़ी में जमीन के अंदर लगभग 2943.26 टन और हरदी ब्लॉक में करीब 646.16 किलोग्राम सोना होने का अनुमान है.


उन्होंने बताया कि सोने के अलावा कुछ अन्य खनिज तत्व भी इन इलाकों में पाए गए हैं. सोनभद्र में पाया गया यह सोना भारत के कुल स्वर्ण कोष का लगभग 5 गुना है जिसकी कीमत तकरीबन 12 लाख करोड़ रुपए होगी. विश्व स्वर्ण परिषद के मुताबिक भारत के पास इस वक्त 626 टन गोल्ड रिजर्व है.


माना जाता है कि सोनभद्र में सोना ढूंढने का काम सबसे पहले अंग्रेजों ने शुरू किया था. उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला सोनभद्र चार राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार की सीमाओं से लगा हुआ है.


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