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कोरोना वायरस: सोनिया गांधी ने मजदूरों के पलायन को बताया दर्दनाक, कहा- बिना तैयारी के हुआ लॉकडाउन
बैठक में सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित प्रदेशों में सरकारों से कहा है कि लॉकडाउन के बीच फंसे गरीब, मजदूरों और बेसहारा लोगों की हरसंभर मदद की जाए.
नई दिल्ली: कोरोना महामारी को लेकर कांग्रेस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वर्किंग कमिटी की बैठक की, जिसमें पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना संकट पर चिंता जताते हुए सबसे इकट्ठे होकर इस महामारी से लड़ने की अपील की.
सोनिया गांधी ने लॉकडाउन से प्रभावित मजदूर, किसान और आम आदमी की परेशानियों को गिनाते हुए ये कह कर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया कि तालाबंदी का फैसला बिना किसी तैयारी के लिया गया. कांग्रेस वर्किंग कमिटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस शाषित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी संबोधित किया.
सीडब्ल्यूसी की बैठक में लॉकडाउन को लेकर सरकार को घेरते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, "राष्ट्रीय लॉकडाउन जरूरी हो सकता है, लेकिन जिस तरह से लागू किया गया, वो भी केवल कुछ घंटों के सूचना पर, उसने आम जनता को भारी दिक्कतें पैदा कर दीं. रोजमर्रा के साधनों की कमी के वजह से लाखों प्रवासी मजदूर अपने परिवार सहित सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने गाँवों की ओर जाने को मजबूर हो गए."
उन्होंने कहा कि लाखों मजदूरों द्वारा पलायन के इस पीड़ादायक स्थिति ने हर दिल को दर्द पहुंचाया है. सोनिया गांधी ने सबसे इन मजदूरों की मदद करने की अपील की साथ ही कहा कि किसानों के लिए खेत में खड़ी फसल की कटाई और सही दाम मिलने से लेकर अगली फसल की बुवाई के लिए बीज, खाद आदि की व्यवस्था करना सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.
लाखों लोगों के रोजगार से जुड़े मध्यम और लघु उद्योगों पर तालाबंदी की मार के मद्देनजर सोनिया गांधी ने सरकार से पैकेज देने की मांग की है. साथ ही कहा कि देश के 90 प्रतिशत लोग असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं और महामारी की मार के कारण रोजीरोटी खत्म होने से खाने तक के लिए मुश्किल का सामना कर रहे हैं. ऐसे लोगों की पूरी मदद सरकार को करनी चाहिए. देश के मध्यम वर्ग के लिए सोनिया गांधी ने सरकार से कॉमन न्यूनतम राहत कार्यक्रम के एलान की मांग की है.
सोनिया गांधी ने कहा कि कोरोना से लड़ने वाले डॉक्टरों, नर्सों आदि के लिए मास्क, सूट जैसे सुरक्षा उपकरण युद्ध स्तर पर उपलब्ध कराए जाने चाहिए और इलाज के लिए वेंटिलेटर, आइसोलेशन बेड की पर्याप्त व्यवस्था भी होनी चाहिए. सोनिया गांधी ने सरकार से आग्रह किया कि वो निर्धारित अस्पतालों, बिस्तरों की संख्या, क्वारंन्टीन, टेस्टिंग और मेडिकल सप्लाई की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाएं. सोनिया ने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि तैयारी और बुनियादी ढांचे की कमी के कारण कोई कोरोना का शिकार ना हो.
कांग्रेस शासित राज्यों की सरकार, संगठन और नेताओं, कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, "मैं कांग्रेस की सरकारों, आगे रहकर काम कर रहे संगठनों, हमारे नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से भी आग्रह करती हूं, कि वो खुद आगे आएं और उन परिवारों को अपना सहयोग दें, जो सबसे अधिक जोखिम में हैं. हमें उनके लिए पर्याप्त आश्रय, भोजन एवं दवाइयों की व्यवस्था करने के लिए तत्काल कदम उठाने होंगे."
बैैठक में सोनिया गांधी ने कहा, "कोरोना महामारी राजनैतिक सिद्धांतों, धर्म, जाति, उम्र या महिला-पुरुष में अंतर नहीं करती. हम आज जो रास्ता चुनेंगे, वो हमारे परिवार, पड़ोसियों, समाज व देश के भविष्य का निर्णय करेगा. हम इस चुनौती का सामना कैसे करते हैं, समाज के सभी वर्गों, खासकर गरीबों व सबसे कमजोर वर्गों को किस प्रकार सुरक्षित करते हैं, उससे हमारे आगे आने वाली पीढ़ियों के सामने एक नया रास्ता और उदाहरण स्थापित होगा".
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