नई दिल्लीः आखिरकार कांग्रेस अध्यक्ष के नाम पर चल रहा मंथन खत्म हो गया है और कांग्रेस को अपना अध्यक्ष मिल गया है. सोनिया गांधी को कांग्रेस को नया अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है. राहुल गांधी द्वारा इस्तीफा वापस लेने से इनकार करने के बाद सीडब्ल्यूसी ने सोनिया गांधी को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया. कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष होंगी.
इससे पहले आज दो बार सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई जिसमें नेताओं ने राहुल से इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया. राहुल के नहीं मानने के बाद सीडब्ल्यूसी ने सोनिया को अंतरिम अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया. हालांकि बताया जा रहा था कि सोनिया गांधी पहले अध्यक्ष पद को स्वीकारने के लिए तैयार नहीं थीं लेकिन पार्टी में किसी और नाम पर सहमति न होने के चलते उन्हें ये फैसला करना पड़ा.
वहीं सूत्रों के मुताबिक प्रियंका गांधी ने इस मामले पर कहा कि जो भी पार्टी में सबकी राय होगी वो उसके साथ जाएंगी. हालांकि राहुल गांधी पहले ही कह चुके थे कि कांग्रेस में गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष होना चाहिए लेकिन पार्टी में किसी और नाम पर एकराय नहीं हो सकी और एक बार फिर सोनिया गांधी को पार्टी की कमान अपने हाथ में लेनी पड़ी.
लगभग डेढ़ साल तक राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद को संभालने के बाद हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में हार के बाद 25 मई को अपना इस्तीफा दे दिया था और 4 जून को इसे सार्वजनिक कर दिया था. तबसे लेकर अब तक राहुल गांधी को मनाने की कोशिश की जा रही थी पर ये असफल साबित हुई. इसके बाद आज दो बार हुई सीडबल्यूसी की बैठक में आखिरकार सोनिया गांधी के नाम पर ही आकर सबने सर्वसम्मति जताई.
CWC की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति ने एक स्वर से ये निर्णय लिया कि सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष का अंतरिम पद संभालें जब तक कि एक रेगुलर कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो जाता. इस अनुरोध को सोनिया गांधी ने स्वीकार किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ये भी बताया कि कांग्रेस कार्यसमिति ने यह प्रस्ताव पारित किया कि पार्टी के हर नेता और प्रतिनिधि की ये इच्छा है कि राहुल गांधी अपनी सेवाएं देते रहें.
इससे पहले राहुल गांधी ने CWC की बैठक से बाहर निकलकर कहा कि बैठक में जम्मू-कश्मीर के हालात पर चर्चा हुई और उसी के बारे में बात करने के लिए उन्हें वहां बुलाया गया था. मीटिंग के बीच में जम्मू-कश्मीर को लेकर खबर आई थी कि कश्मीर में हिंसा हो रही है और हालात बेहद खराब हैं. चूंकि कश्मीर में हिंसा की खबरों से हम सब चिंतित हैं लिहाजा हमने तय किया कि सरकार और पीएम मोदी से पूछा जाए कि वो पूरी पारदर्शिता के साथ बताएं कि वहां क्या हो रहा है.