नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज दिल्ली में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायण सामी और राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी बैठक में बुलाया गया. इन पांचों प्रदेशों के महासचिवों को भी बैठक में बुलाया गया और बैठक से पहले ही सभी को ये बता दिया गया था की राज्य सरकारों के कामकाज का पूरा ब्यौरा लेकर आएं.


इन पांच राज्यों में से तीन राज्य कांग्रेस आलाकमान के लिए काफ़ी मुश्किलें पैदा कर रहे हैं. पहला, पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू का झगड़ा किसी से छुपा नही है. सिद्धू के मंत्रालय जब कैप्टन ने बदले तो नवजोत सिंह सिद्धू ने दिल्ली का दरवाज़ा खटखटाया लेकिन दिल्ली के दखल के बावजूद उनकी मंत्री की कुर्सी नही बच पायी. उसके बाद से कोई भी सम्मानजनक पद नवजोत को नही दिया गया है.


दूसरा राज्य है मध्यप्रदेश जहां मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिल्ली आलाकमान के लिए वन मंत्री उमंग सिंघार और दिग्विजय सिंह का झगड़ा काफ़ी परेशान कर रहा है. हालांकि ये मुद्दा ए के एंटनी और मोतीलाल वोरा के पास भेज दिया गया है दूसरी बड़ी समस्या है कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ ही मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश का अध्यक्ष बनने की इच्छा ज़ाहिर की है लेकिन दिग्विजय सिंह और कमलनाथ दोनों ही सिंधिया के पक्ष में नहीं हैं. ऐसे में सोनिया गांधी के सामने बड़ी चुनौती है कि वह कैसे मध्य प्रदेश कांग्रेस में संतुलन बनाए रखें.


तीसरा राज्य है राजस्थान जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच भी सब कुछ ठीक नहीं है. सचिन पायलट, उप मुख्यमंत्री होने के साथ साथ राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं और अशोक गहलोत राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष किसी अपने आदमी को बनाना चाहते हैं. आज के मुख्यमंत्रियों की बैठक में सचिन पायलट को इसलिए बुलाया गया ताकि दोनों के बीच चल रहे झगड़े को कांग्रेस अध्यक्ष सुलझा सकें. बता दें कि इससे पहले सचिन पायलट ने क़ानून व्यवस्था को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े कर दिए थे.


सोनिया गांधी ने एक एक मुख्यमंत्री के साथ अलग बात की और राज्य का पूरा रिपोर्ट कार्ड लिया. उसके बाद सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठकर बात भी की और भविष्य की नीतियों के बारे में पूछा. इसके साथ ही सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि जो वायदे हमने कांग्रेस के मैनिफेस्टो में किए थे वो हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं. राज्य सरकारें किए गए वायदों को लागू करने पर पहले विचार करें.


दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद सोनिया गांधी ने यह पहली बड़ी बैठक बुलाई है. इससे पहले जब राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया था तो किसी भी मुख्यमंत्री ने इस्तीफ़े की पेशकश नहीं की थी लेकिन आज जब सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्रियों को निमंत्रण भेजा तो सभी हाजिर दिखाई दिए.