नई दिल्लीः कांग्रेस शासित प्रदेशों में सरकार और संगठन के बीच तालमेल बनाने और पार्टी का घोषणापत्र ठीक से लागू करवाने के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हर प्रदेश के लिए अलग-अलग समितियां गठित की हैं. माना जा रहा है कि जिन राज्यों में पार्टी की सरकार है वहां बड़े नेताओं के बीच अंतर्कलह को थामने के लिए सोनिया गांधी ने ये रास्ता निकाला है. हालांकि, पंजाब के लिए समन्वय समिति नहीं बनाई गई है.
घोषणापत्र क्रियान्वयन समिति की कमान राज्य से बाहर के वरिष्ठ नेताओं को दी गई है. कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा गठित घोषणापत्र क्रियान्वयन समिति में मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी के अलावा दो-दो नेता रखे गए हैं. घोषणापत्र क्रियान्वयन समितियां इस प्रकार हैं-
राजस्थान:-
अध्यक्ष: ताम्रध्वज साहू, मंत्री, छत्तीसगढ़
अमर सिंह, सांसद
अविनाश पांडे, प्रभारी
अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री
सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष
मध्यप्रदेश:-
अध्यक्ष: पृथ्वीराज चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र
अर्जुन मोढवाडिया, वरिष्ठ नेता, गुजरात
दीपक बावरिया, प्रभारी
कमलनाथ, मुख्यमंत्री
पंजाब:-
अध्यक्ष: पी चिदंबरम, सीडब्ल्यूसी सदस्य
कुमारी शैलजा, अध्यक्ष, हरियाणा कांग्रेस
आशा कुमारी, प्रभारी
कैप्टन अमरिंदर सिंह, मुख्यमंत्री
सुनील जाखड़, प्रदेश अध्यक्ष
छत्तीसगढ़:-
अध्यक्ष: जयराम रमेश, सांसद
रणदीप सुरजेवाला, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी
पीएल पुनिया, प्रभारी
भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री
मोहन मरकाम, प्रदेश अध्यक्ष
पुडुचेरी:-
अध्यक्ष: वीरप्पा मोइली, पूर्व मुख्यमंत्री, कर्नाटक
राघवन, सांसद
मुकुल वासनिक, प्रभारी
वी नारायण सामी, मुख्यमंत्री
ए नामचिवयम, प्रदेश अध्यक्ष
संगठन और सरकार में तालमेल के लिए पंजाब को छोड़ कर बाकी चार प्रदेशों में समन्वय समिति बनाई गई है जिसमें प्रभारी, मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष के अलावा राज्य के महत्वपूर्ण नेता शामिल किए गए हैं. जैसे मध्यप्रदेश में इस समिति में प्रभारी दीपक बावरिया और मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अरुण यादव, जीतू पटवारी और मीनाक्षी नटराजन को शामिल किया गया है.
राजस्थान में प्रभारी अविनाश पांडे, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के साथ हेमराम चौधरी, भंवरलाल मेघवाल, दीपेंद्र शेखावत, महेन्द्रजीत सिंह मालवीय और हरीश चौधरी को मिला कर आठ सदस्यीय समिति बनाई गई है. इसी तरह छत्तीसगढ़ के लिए नौ और पुडुचेरी के लिए आठ सदस्यीय समिति बनाई गई है. समन्वय समिति की अध्यक्षता संबंधित राज्य के प्रभारी करेंगे.
बहरहाल, कांग्रेस शासित राज्यों के लिए बनाई गई ये समितियां कितनी कारगर होती है ये आने वाला वक्त बताएगा लेकिन मतलब साफ है कि इन प्रदेश के नेताओं के लिए कांग्रेस आलाकमान का सीधा संदेश है कि मिल जुल कर काम करें.
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