नई दिल्ली: कांग्रेस की दिशा और दशा पर चर्चा करने के लिए पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर पर हुई कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक में सबने राहुल गांधी के नेतृत्व को जरूरी बताया. इसके साथ ही बैठक में एक 'चिंतन शिविर' आयोजित करने पर विचार किया गया.


लगभग 5 घंटे चली बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए पार्टी नेता पवन बंसल ने कहा, "सभी ने कहा कि पार्टी को राहुल गांधी के नेतृत्व की जरूरत है. हमें उन लोगों की परवाह नहीं करनी चाहिए जो एजेंडे से ध्यान भटकाना चाहते हैं."


पवन बंसल ने बताया कि बैठक को सम्बोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कांग्रेस को परिवार की तरह बताते हुए कहा कि एक परिवार की तरह हम मिल कर काम करेंगे. बैठक को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी संबोधित किया. बंसल ने बताया कि बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने खुल कर अपनी बात रखी. बैठक में सोनिया गांधी समेत कुल 19 नेता मौजूद थे.


इस बैठक में वैसे सात असंतुष्ट नेता भी शामिल थे जिन्होंने पार्टी की कार्यप्रणाली में सुधार और सांगठनिक चुनाव को लेकर सोनिया गांधी के चिट्ठी लिखी थी. इस गुट में एक पृथ्वीराज चौहान ने बैठक से निकल कर कहा कि आने वाले दिनों में एक चिंतन शिविर आयोजित किया जाएगा. चौहान ने कहा कि पार्टी का भविष्य तय करने के लिए पहली बैठक हुई. ऐसी और बैठकें होंगी. पंचमनी या शिमला जैसा चिंतन शिविर भी होगा.


चौहान ने बताया कि सकारात्मक माहौल में बैठक हुई. पार्टी की मजबूती के लिए जो मुद्दे उठाए गए थे उसके लिए और कुछ लोग बैठेंगे. सबकी बातों को रिकॉर्ड किया जाएगा. पृथ्वीराज चौहान ने कहा कि वर्किंग कमिटी की बैठकें अब नियमित होंगी. कोरोना के कारण कुछ दिक्कत आई थी, अब हमलोग चर्चा आगे बढ़ाएंगे.


कांग्रेस के अगले अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पवन बंसल ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष के चुनाव को लेकर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. एक सवाल के जवाब में बंसल ने कहा कि बैठक में किसी नेता ने भी राहुल गांधी की आलोचना नहीं की. सबने उनका समर्थन किया.


आज की बैठक में सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका के अलावा एके एंटनी, अम्बिका सोनी, पी चिदंबरम, अशोक गहलोत, कमलनाथ, भक्त चरण दास, पवन बंसल, अजय माकन, हरीश रावत के साथ ही असन्तुष्ट गुट के गुलाम नबी आजाद, मनीष तिवारी, पृथ्वीराज चौहान, विवेक तन्खा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, शशि थरूर, आनंद शर्मा शामिल रहे. अहम बात यह है कि इतनी महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को आमंत्रित नहीं किया गया था.


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