Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में गहलोत गुट की बगावत से उपजे हालत को लेकर प्रभारी अजय माकन और पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ समीक्षा करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दोनों नेताओं से मंगलवार तक लिखित रिपोर्ट मांगी है. सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) अशोक गहलोत के रुख से आहत हैं और पार्टी नेताओं के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने ऐसा कैसे कर दिया, उन्हें ऐसी उम्मीद नहीं थी. 


दिल्ली से जयपुर गए नेताओं का कहना है कि विधायक दल की बैठक से लेकर नया नेता यानी सीएम चुनने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अधिकृत करने का कार्यक्रम गहलोत को विश्वास में लेकर किया गया था. फिलहाल गहलोत को इस्तीफे के लिए भी नहीं कहा गया था, लेकिन विधायकों की बगावत के बाद गहलोत ने यह कहते हुए हाथ खड़े कर दिए कि विधायक उनकी भी नहीं सुन रहे. 






अशोक गहलोत ने जताया खेद


सूत्रों का दावा है कि पूरे घटनाक्रम के लिए अशोक गहलोत ने खड़गे के सामने खेद भी जताया, लेकिन इससे गांधी परिवार की साख को पहुंचे नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती. सूत्रों का मानना है कि ताजा हालात में गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए संभवतः नामांकन नहीं करेंगे. अगले कदम को लेकर कांग्रेस आलाकमान भी नामांकन की आखिरी तारीख यानी 30 सितंबर तक इंतजार करने के मूड में है. 


किसी बड़ी कार्रवाई की संभावना नहीं


सूत्रों के मुताबिक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष की रेस से बाहर होते ही विधायकों पर उनकी पकड़ कमजोर हो जाएगी जो फिलहाल मजबूती से उनके पक्ष में नजर आ रहे हैं. वहीं, सख्त संदेश देने के लिए बगावत के चेहरे बन कर उभरे शांति धारीवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास जैसे गहलोत सरकार के मंत्रियों को पार्टी कारण बताओ नोटिस जारी कर सकती है. हालांकि किसी बड़ी कार्रवाई की संभावना नहीं है.  


कांग्रेस अध्यक्ष के लिए इन नामों की चर्चा


साफ है कि कांग्रेस अध्यक्ष की तस्वीर साफ होने के बाद ही अब राजस्थान की बारी आएगी. पार्टी अध्यक्ष की रेस में गहलोत के पिछड़ने के बाद दिग्विजय सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, मुकुल वासनिक, कुमारी शैलजा, केसी वेणुगोपाल जैसे वरिष्ठ नेताओं के नामों की चर्चा है. 


क्या है कांग्रेस की चिंता?


इसके बाद ऑपरेशन राजस्थान के लिए इस बार कांग्रेस (Congress) आलाकमान बेहतर रणनीति के साथ उतरेगा. देखना होगा कि गांधी परिवार के वफादार की छवि गंवाकर राजस्थान के रण का पहला राउंड जीतने के बाद अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की आगे क्या रणनीति रहती है? कांग्रेस की सबसे बड़ी चिंता यही है कि जैसे बीते कुछ समय में कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी छोड़ी है वैसी नौबत राजस्थान (Rajasthan) में ना आ जाए. 


ये भी पढ़ें-

Watch: 'भारत जोड़ो यात्रा' को लेकर असम में भिड़े कांग्रेस के दो गुट, विधायक ने दी ये सफाई


Congress Crisis: राजस्थान में गहलोत खेमे के विधायक दिखे कॉन्फिडेंट, सियासी खेल के बीच पोलो ग्राउंड में मैच देखने पहुंचे