नई दिल्ली: संगठन को लेकर बड़े एलान करते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) को पुर्नगठित किया है. साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष के सहयोग के लिए छह नेताओं की एक कमिटी भी बनाई गई है. इसके साथ ही कई राज्यों के प्रभारी बदले गए हैं और कांग्रेस में संगठन चुनाव करवाने वाले केंद्रीय चुनाव प्राधिकार को भी पुनर्गठित किया गया है.


यह फेरबदल पिछले दिनों कांग्रेस के 23 नेताओं द्वारा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी गई चिट्ठी और इसके बाद हुई हंगामेदार सीडब्ल्यूसी की बैठक के 20 दिनों के अंदर हुआ है. चिट्ठी लिखने वाले नेताओं ने सीडब्ल्यूसी का चुनाव कराए जाने की मांग की थी लेकिन सोनिया गांधी ने सीडब्ल्यूसी पुनर्गठित कर दी. सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मनमोहन सिंह, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, एके एंटनी, अम्बिका सोनी समेत कुल 22 नेता सीडब्ल्यूसी के सदस्य बनाए गए हैं.


फेरबदल में सबसे बड़ा प्रोमोशन रणदीप सुरजेवाला को मिला है. रणदीप, तारिक अनवर और जितेंद्र सिंह महासचिव बनाए गए हैं और उन्हें सीडब्ल्यूसी में जगह मिली है. रणदीप सुरजेवाला का नाम सोनिया गांधी की मदद करने के लिए बनाई गई कमिटी में भी है.


गुलाम नबी आजाद और मुकुल वासनिक जैसे चिट्ठी लिखने वाले नेताओं को भी बराबर जगह मिली है. गुलाम नबी आजाद सीडब्ल्यूसी के सदस्य बनाए गए हैं लेकिन उन्हें महासचिव के पद से हटा दिया गया है. अम्बिका सोनी और मल्लिकार्जुन खड़गे को भी महासचिव की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है. हालांकि दोनों को ही सीडब्ल्यूसी का सदस्य बनाया गया है. आनंद शर्मा भी सीडब्ल्यूसी के सदस्य बनाए गए हैं. मुकुल वासनिक को महासचिव के पद पर बरकरार रखा गया है और उन्हें सोनिया गांधी की मदद करने वाली कमिटी में भी जगह दी गई है.


इन नेताओं का नाम है नदारद
चिट्ठी लिखने वाले नेताओं में शामिल भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मनीष तिवारी का नाम किसी भी लिस्ट में नहीं है. सचिन पायलट को भी नजरअंदाज किया गया है. हालांकि मनीष तिवारी और सचिन पायलट जैसे नेताओं को आने वाले दिनों में दूसरी बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है.


वापसी करने वालों में दिग्विजय सिंह हैं जिन्हें सीडब्ल्यूसी का स्थाई आमंत्रित सदस्य बनाया गया है. सबसे महत्वपूर्ण है जितिन प्रसाद का नाम जिन्हें बंगाल का प्रभारी बनाया गया है और इस वजह से सीडब्ल्यूसी का विशेष आमंत्रित सदस्य से प्रोमोट कर स्थाई आमंत्रित सदस्य बनाया गया है. जितिन प्रसाद भी चिट्ठी लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल थे. सलमान खुर्शीद, जयराम रमेश, राजीव शुक्ला, पवन बंसल जैसे नेता भी स्थाई आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं.


महासचिवों में रणदीप सुरजेवाला को कर्नाटक, तारिक अनवर को केरल, जितेंद्र सिंह को असम और हरीश रावत को पंजाब का प्रभारी बनाया गया है. अजय माकन को राजस्थान और मुकुल वासनिक को मध्यप्रदेश का प्रभार पहले ही मिल चुका है. प्रियंका गांधी उत्तरप्रदेश की प्रभारी बनी रहेंगी.


वयोवृद्ध नेता मोतीलाल वोरा की विदाई हो गई है. उन्हें सीडब्ल्यूसी में जगह नहीं मिली और साथ ही महासचिव प्रशासन की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है. पवन कुमार बंसल को प्रशासन का प्रभार मिला है.


जितिन प्रसाद को बड़ी जिम्मेदारी
प्रमोशन पाने वालों में जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल, राजीव शुक्ला को हिमाचल प्रदेश, मनिकम टैगोर को तेलंगाना, एचके पाटिल को महाराष्ट्र, विवेक बसंल को हरियाणा, देवेंद्र यादव को उत्तराखंड और मनीष चतरथ को अरुणाचल प्रदेश और मेघालय का प्रभारी बनाया गया है. रजनी पाटिल को जम्मू कश्मीर का नया प्रभारी बनाया गया.


कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मदद के लिए विशेष कमिटी बनी है. एके एंटनी, अहमद पटेल, अम्बिका सोनी, वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक और रणदीप सुरजेवाला इसके सदस्य बनाए गए हैं.


कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकार का अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री को बनाया गया है. इससे साफ की कांग्रेस में अगले अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. अरविंदर सिंह लवली समेत चार अन्य नेता इसके सदस्य बनाए गए हैं. गौरतबल है कि लवली भी चिट्ठी लिखने वाले नेताओं में शामिल थे.


कुल मिलाकर सोनिया गांधी की नई टीम में उनके पुराने विश्वासपात्रों के साथ-साथ राहुल गांधी के भरोसेमंद नेताओं को भरपूर जगह मिली है. धैर्य रखने वालों को इनाम मिला है. चिट्ठी लिखने वाले गुट की उपेक्षा नहीं हुई है लेकिन कुछ नाम किनारे कर 'अनुशासन' का संदेश देने की कोशिश भी गई है.


हालांकि बड़ा सवाल अब भी बना हुआ है कि सोनिया गांधी की जगह कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा.. राहुल गांधी बनेंगे या गांधी परिवार के बाहर का कोई नेता?