विपक्षी दलों की बैठक की अध्यक्षता करेंगी सोनिया, 17 दलों का समर्थन हासिल करना है मकसद
विपक्ष की बैठक में उन सभी 17 दलों का समर्थन हासिल करने के लिए भरसक प्रयास चल रहे हैं जिन्होंने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस के साथ एकजुटता दिखाई थी.
नई दिल्ली: यूपीए (यूनाईटेड प्रोग्रेसिव अलायन्स) अध्यक्ष सोनिया गांधी आज विपक्षी नेताओं की एक बैठक की अध्यक्षता कर सकती हैं जिसमें संसद के बजट सत्र को लेकर संयुक्त रणनीति तय किए जाने की संभावना है. बैठक शाम पांच बजे संसद के लाइब्रेरी बिल्डिंग में शुरु होगी. विपक्ष की बैठक में उन सभी 17 दलों का समर्थन हासिल करने के लिए भरसक प्रयास चल रहे हैं जिन्होंने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस के साथ एकजुटता दिखाई थी.
आज की बैठक में एनसीपी (नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी), डीएमके (द्रविड मुनेत्र कळघम), टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस), एसपी (समाजवादी पार्टी), एनसी (नेशनल कांफ्रेंस), सीपीएम (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सिस्ट), सीपीआई (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया), आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल), जेएमएम (झारखंड मुक्ति मोर्चा), आरएसपी (रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी), आईयूएमएल (इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग) और केरल कांग्रेस के भाग लेने की संभावना है.
जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) के बागी नेता शरद यादव और अली अनवर अंसारी, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, एसपी के रामगोपाल यादव और टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय समेत अन्य नेता बैठक में शिरकत कर सकते हैं. देखना होगा कि कर्नाटक में कुछ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले जेडीएस (जनता दल सेक्यूलर) अपने किसी प्रतिनिधि को बैठक में भेजता है या नहीं.
कर्नाटक में कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है और बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) ने फिर से सत्ता पाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. आज की बैठक में एचडी देवगौड़ा की जेडीएस की मौजूदगी से भविष्य में कांग्रेस के साथ उनके गठजोड़ की संभावना को लेकर तस्वीर साफ हो सकती है.
बैठक में तीन तलाक से संबंधित बिल, सुप्रीम कोर्ट के जजों के विवाद और यूपी के कासगंज में पिछले दिनों हुई हिंसा जैसे कुछ मुद्दों पर बातचीत हो सकती है. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य पार्टी नेता भी भाग लेंगे.
दो दिन पहले ही शरद पवार ने अपने घर पर कुछ विपक्षी नेताओं को चाय पर बुलाया था लेकिन कम नेताओं की मौजूदगी के बाद फैसला किया गया कि बजट पेश होने के बाद एक और बड़ी बैठक होगी. कांग्रेस नेता गुलाम नवी आजाद और आनंद शर्मा ने 29 जनवरी की बैठक में विपक्ष को एकजुट करने के लिए सोनिया गांधी से हस्तक्षेप की मांग की थी.