नई दिल्ली: 2019 की लड़ाई में विपक्ष के मोर्चे को मजबूत करने के लिए कांग्रेस पुरजोर कोशिश कर रही है. यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्ष की 19 पार्टियों के नेताओं को आज शाम डिनर पर बुलाया है. इस डिनर में शरद पवार, सीताराम येचुरी आदि शामिल होंगे. वहीं तृणमूल कांग्रेस की तरफ से डेरेक ओ ब्रायन, ममता बनर्जी के प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद रहेंगे. तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट के बीच सोनिया गांधी का डिनर काफी अहम है.


डिनर में शामिल होंगे ये बड़े नाम


समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, एआईयूडीएफ से बदरुद्दीन अजमल, एनसीपी से शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल, आरजेडी से मीसा भारती और जय प्रकाश यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, झारखंड मुक्ति मोर्चा से हेमंत सोरेन, झारखंड विकास मोर्चा से बाबू लाल मरांडी, राष्ट्रीय लोकदल से अजीत सिंह और जयंत सिंह, सीपीआई से डी राजा, सीपीएम से सीताराम येचुरी और मोहम्मद सलीम, तमिलनाडु की पार्टी डीएमके से कनिमोझी, बीएसपी से सतीश चंद्रा, भारतीय ट्राइबल पार्टी से शरद यादव, तृणमूल कांग्रेस से डेरेक ओ ब्रायन और सुदीप बंदोपाध्याय, हिंदुस्तान अवाम मोर्चा से जीतन राम मांझी ये वो बड़े नाम हैं जो सोनिया गांधी के डिनर में शामिल हो रहे हैं.


इनके अलावा आईयूएमएल, आरएसपी, केरल कांग्रेस, जनता दल सेक्युलर के नेता भी सोनिया गांधी के भोज में मौजूद रहेंगे. इनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता भी भोज में मौजूद रहेंगे. दरअसल लोकसभा चुनाव 2019 से पहले विपक्ष को गोलबंद करने के लिए सोनिया गांधी ने डिनर आयोजित किया है. इसमें कांग्रेस समेत 20 पार्टियां शामिल हो रही हैं.


स्वादिष्ट खाने के साथ राजनीतिक घनिष्ठता बढ़ाने की कोशिश होगी. कांग्रेस 2019 से पहले नरेंद्र मोदी बनाम सब करने की कोशिश में हैं. कांग्रेस को लगता है कि विपक्ष अगर एकजुट होकर लड़े तो मोदी का रथ रुक सकता है. 16, 17, 18 मार्च को होने वाले पार्टी अधिवेशन में भी कांग्रेस गठबंधन पर प्रस्ताव ला सकती है.


व्यस्तता की वजह से नहीं शामिल होंगी ममता बनर्जी


जानकारी के मुताबिक कोशिश ममता बनर्जी को भी बुलाने की थी लेकिन व्यस्तता के कारण वो नहीं आ पाई. इन सब के बीच ये बात सबसे अहम है ममता बनर्जी ने हाल में ही तीसरे मोर्चे का मुद्दा उठाने वाले टीआरएस से नजदीकियां बढ़ाई है. शरद पवार, सोनिया गांधी के डिनर में आ तो रहे हैं लेकिन मार्च के आखिरी में उन्होंने भी विपक्ष की बैठक बुलाई है. जाहिर है तीसरे मोर्चे के सुगबुगाहट से कांग्रेस का परेशान होना लाजिमी है.


पिछले महीने में ही सोनिया गांधी विपक्ष के नेताओं को लंच दे चुकी हैं. आज के डिनर में क्या खिचड़ी पकती है ये तो आने वाले दिनों में पता चलेगा लेकिन विपक्षी एकता इस बात पर ही निर्भर करेगी कि खिचड़ी का कितना हिस्सा कांग्रेस सहयोगियों के लिए छोड़ने को तैयार होती है.