नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दो दिन पहले दिल्ली कांग्रेस के पांच सीनियर नेताओं को बुलाकर चुनाव लड़ने के लिए कहा था. इसके पीछे कांग्रेस अध्यक्ष ने तर्क दिया था कि यह नहीं लगना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी गंभीरता से चुनाव नहीं लड़ रही है. लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश के बाद भी कई सीनियर नेताओं ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया.
दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन निजी कारणों से अमेरिका चले गए. सूत्रों के मुताबिक अचानक से उनकी बेटी की तबीयत खराब हो गई और उन्हें पत्नी के साथ बेटी के पास जाना पड़ा. हालांकि अमेरिका जाने से पहले अजय माकन ने दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको और स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष राजीव सातव से कह दिया था कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे.
कुछ ऐसा ही हाल है कांग्रेस के पूर्व सचिव नसीब सिंह का. नसीब सिंह भी उन नेताओं में शुमार हैं, जिनको सोनिया गांधी ने बुलाकर चुनाव लड़ने के लिए कहा था, लेकिन नसीब सिंह ने भी नीजि कारणों का हवाला देते हुए चुनाव लड़ने से मना कर दिया.
तीसरा नाम है दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जे पी अग्रवाल का, वैसे तो जे पी अग्रवाल अपने बेटे मुदित के लिए टिकट चाहते हैं लेकिन उनकी समस्या है कि हाल ही में आम आदमी पार्टी से घर वापसी करने वाली अल्का लाम्बा भी चांदनी चौक से टिकट चाहती हैं, जहां से जेपी अग्रवाल टिकट मांग रहे हैं. इसका फ़ैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ दिया गया है.
वहीं, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले महाबल मिश्रा पहले ही आम आदमी पार्टी से अपने बेटे को चुनावी मैदान में उतार चुके हैं. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस के सीनियर हार के डर से चुनावी मैदान से भाग रहे हैं.
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