अहमद पटेल ने ट्वीट कहा है, ‘’नमाज के लिए अजान महत्वपूर्ण है. आज के आधुनिक जमाने में लाउडस्पीकर जरूरी नहीं है.’’
सुबह होने वाली अज़ान पर सोनू निगम ने उठाए सवाल, कहा- ये गुंडागर्दी है
अजान पर सोनू निगम ने ट्वीट किया था, ‘’भगवान सबको आशीर्वाद दें. मैं मुस्लिम नहीं हूं लेकिन रोज सुबह मुझे अजान की आवाज से उठना पड़ता है.’’ उन्होंने आगे लिखा, ‘’आखिर कब भारत से ये जबरन धार्मिक भावना थोपना खत्म होगा? वैसे जब मोहम्मद ने इस्लाम बनाया था तब बिजली नहीं थी.’’
निगम ने ये भी कहा, ‘’मुझे नहीं लगता कि कोई मंदिर या गुरुद्वारा बिजली का इस्तेमाल उन लोगों को जगाने के लिए करते हैं जो उस धर्म का पालन नहीं करते. तो फिर ऐसा क्यों? गुंडागर्दी है बस.’’
आपको बता दें सोनू निगम ऐसे सिंगर हैं जो ना सिर्फ हिंदी में बल्कि कन्नड़, उड़िया, तमिल, बंगाली, मराठी और तेलुगु फ़िल्मों में भी गा चुके हैं. सोनू निगम पिछले साल उस वक्त भी चर्चा में आ गए थे जब उन्होंने नोटबंदी के बाद उसके समर्थन में एक वीडियो रिलीज की थी.
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इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर बहस शुरू हो गई है. यहां लोग दो हिस्सों में बट गए हैं कोई इस सिंगर की बात को सही बता रहा है तो कोई उसकी आलोचना कर रहा है.
क्यों होती है अजान?
मस्जिद में लोगों को बुलाने के लिए अजान दी जाती है. अजान का मतलब होता है पुकारना या घोषणा करना. अजान दिन में पांच बार नमाज से पहले होती है. लेकिन लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर पहले भी कोर्ट तक मामला जा चुका है.
साल 2014 में नवी मुंबई में एक शख्स मस्जिदों में अजान के लिए लगे लाउडस्पीकर को लेकर कोर्ट चला गया. आरटीआई से पता लगा कि 49 में से 45 मस्जिदों में अवैध तरीके से लाउडस्पीकर का इस्तेमाल हो रहा था. हाईकोर्ट ने तब इन लाउडस्पीकर को हटाने का आदेश दिया था.