'मौत नहीं, मिले आजीवन कारावास', सौम्या विश्वनाथन की मां ने बेटी के हत्यारों के लिए क्यों की इस सजा की मांग
पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या में शामिल लोगों को दोषी ठहराए जाने के बाद उनके माता-पिता का दर्द छलक आया और उन्होंने कहा कि हमें न्याय पाने में भले ही 15 साल लग गये लेकिन संघर्ष सफल हो गया.
Soumya Vishwanathan Murder Case: पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की मां माधवी विश्वनाथन ने बुधवार को अपनी बेटी की हत्या के दोषियों के लिए आजीवन कारावास की मांग की. उन्होंने कहा ‘हम मौत की सजा में विश्वास नहीं करते हैं. हम दोषियों के लिए आजीवन कारावास की मांग करते हैं, उन्हें वही भुगतना चाहिए जो हमने झेला है.’
एक प्रमुख अंग्रेजी समाचार चैनल में काम करने वालीं सौम्या विश्वनाथन की 30 सितंबर, 2008 को गोली मारकर तब हत्या कर दी गई जब वह तड़के करीब 3:30 बजे अपने आफिस से काम के बाद कार से घर लौट रही थीं. पुलिस ने दावा किया था कि हत्या के पीछे का मकसद लूटपाट था.
दोषी ठहराए जाने के बाद क्या बोली सौम्या की मां
दिल्ली की एक अदालत द्वारा सौम्या विश्वनाथन की हत्या के लिए चार लोगों को दोषी ठहराए जाने के बाद पत्रकारों से बातचीत में माधवी विश्वनाथन ने कहा कि यह फैसला ऐसे अन्य लोगों के लिए एक मिसाल कायम करेगा क्योंकि अगर उनकी बेटी के हत्यारे निर्दोष करार दिए जाते तो उनकी हिम्मत बढ़ जाती. सौम्या के पिता एम के विश्वनाथन ने कहा कि उनकी बेटी अब वापस नहीं आएगी, लेकिन उन्हें खुशी है कि न्याय मिला है. उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश से पहले मंगलवार की रात वह सो नहीं सके.
अदालत ने इस आधार पर ठहराया दोषी
इससे पहले, अदालत ने संगठित अपराध गिरोह के रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को सौम्या की हत्या के लिए और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया. अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप बिना किसी संदेह के साबित किया गया. पांचवें आरोपी अजय सेठी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) और मकोका प्रावधानों के तहत संगठित अपराध को अंजाम देने, सहायता करने या जानबूझकर इसे बढ़ावा देने और संगठित अपराध की आय प्राप्त करने की साजिश रचने के लिए दोषी ठहराया गया.
26 अक्टूबर को सुनाई जाएगी सजा
अदालत ने सजा सुनाने के लिए 26 अक्टूबर की तारीख तय की है. माधवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने अपनी बेटी को खो दिया. लेकिन मैं कहना चाहूंगी कि यह निर्णय दूसरों के लिए मिसाल के रूप में काम करेगा. नहीं तो इन लोगों की हिम्मत बढ़ जाती. अब कम से कम ऐसे एक गिरोह को सजा मिलेगी.’ माधवी ने कहा कि उनकी बड़ी बेटी केन्या के नैरोबी में रहती है और वह आश्वस्त थी कि न्याय होगा.
एम के विश्वनाथन ने कहा, उनको न्याय मिलने में 15 साल लग गए हालांकि उनका संघर्ष सफल हो गया. मेरी बेटी वापस नहीं आएगी हम उसके (दोषियों) लिए उम्रकैद की सजा की मांग करते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं वास्तव में अधिकारियों, विशेष रूप से दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने दोषियों की गिरफ्तारी के लिए दिन-रात काम किया.’’ विशेष पुलिस आयुक्त एच जी एस धालीवाल भी दिवंगत पत्रकार सौम्या के परिवार के सदस्यों के साथ अदालत में मौजूद थे.
ये भी पढ़ें: '...तो सुप्रिया मैडम को वहां क्यों नहीं भेज देते', शरद पवार के फलस्तीन वाले बयान पर असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का तंज