नई दिल्ली: बिहार में लालू यादव के घर पर सीबीआई के छापों के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि नीतीश कुमार चाहते हैं कि तेजस्वी यादव इस्तीफा दे दें लेकिन खबर है कि अगर तेजस्वी इस्तीफा देंगे तो आरजेडी के सभी मंत्री भी इस्तीफा देंगे.
आज नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक की जिसमें डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी शामिल हुए. बैठक से निकलने के बाद नीतीश तो कुछ नहीं बोले लेकिन तेजस्वी ने कहा कि सीबीआई के छापों के पीछे बीजेपी की साजिश है.
नीतीश कुमार ने भले ही अब तक सीधे तेजस्वी को इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा है लेकिन उनकी पार्टी के नेताओं के बयान बहुत कुछ कह रहे हैं. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा, ''इशारों को समझो, राज को राज रहने दो कल की बैठक में साफ निर्णय हुआ भ्रष्टाचार पर कोई समझौता नहीं होगा.''
नीतीश के सामने विकल्प क्या हैं?
राजनीतिक विश्लेषकों के हिसाब से नीतीश के पास तीन विकल्प हैं. पहला- नीतीश लालू को समझाए की तेजस्वी को इस्तीफा दे देना चाहिए. दूसरा- अगर इस्तीफा नही देंगे तो बर्खास्त करना मज़बूरी होगी हालांकि ये अंतिम फैसला होगा. ये तब सम्भव है जब नीतीश गठबंधन से अलग होने का फैसला कर लें. तीसरा रास्ता- जैसे चल रहा है चलने दें, लेकिन यहां नीतीश के सामने चुनौती है.
नीतीश की पार्टी के अनेक नेताओं की राय लालू से अलग हो जाने की है. बैठक में नेताओं ने लालू के साथ होने से हो रहे नुकसान के बारे में बताया. नीतीश के लिए राहत की बात ये है कि उनके लिए एनडीए के भी दरवाज़े खुले हैं.