कोरोना वायरस के मरीजों की पहचान के लिए टेस्टिंग किट देश में एक बड़ी समस्या है. सवाल उठने के बाद चीन से आई टेस्टिंग किट पर रोक लगा दी गई है. लेकिन एक विदेशी कंपनी टेस्टिंग किट बनवाने में भारत की मदद के लिए आगे आई है. अब साउथ कोरिया की मदद से भारत कोरोना की रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग किट बना रहा है. एसडी बायोसेंसर कंपनी की मदद से बनाए जा रहे इस किट से 15 मिनट में जांच का दावा किया जा रहा है. फिलहाल हर दिन एक लाख टेस्टिंग किट बनाए जा रहे हैं.


कोरियाई कंपनी ने गुरुग्राम में मानेसर के एक प्लांट में टेस्टिग किट बनाने का काम भी शुरू कर दिया है. यहां रोजाना एक लाख टेस्टिंग किट बनाई जा रही हैं. एसडी बायोसेंसर कंपनी के एक अधिकारी एस एच किम ने कहा, हमारी कोशिश भारत सरकार की मदद करने की है. हम 24 घंटे काम करने में जुटे हैं. किट बनाकर सरकार की मदद कर रहे हैं.

कंपनी 3 लाख किट हर दिन बनाने में सक्षम
एसडी बायोसेंसर कंपनी का कहना है कि वो हर दिन तीन लाख किट बनाने में सक्षम है. मानेसर प्लांट हेड अंसुल सरास्वत ने कहा, 'जैसे-जैसे सरकार के टेंडर आएंगे, हम सप्लाई करते जाएंगे. हम केंद्र सरकार, राज्य सरकार और सरकारी हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट को सप्लाई कर रहे हैं. आज हम एक लाख किट हर रोज बना रहे हैं. लेकिन मांग बढ़ती है तो तीन लाख हर दिन बना सकते हैं.'

एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट किट क्या होता है
जब कोई इंसान कोरोना वायरस से संक्रमित होता है, तो शरीर उस वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाता है. रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट के जरिए इन्हीं एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है. खून में मौजूद एंटीबॉडी से पता चलता है कि शख्स में कोरोना का संक्रमण है या नहीं. इस टेस्ट को संक्रमण वाले इलाकों में महामारी के रोकथाम के लिए कारगर माना जा रहा है.

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