सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का ऐलान कर दिया. अखिलेश ने ब्राह्मण चेहरे माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष बनाया है. सपा अध्यक्ष के इस फैसले ने सभी को चौंका दिया, क्योंकि कयास लगाए जा रहे थे कि इस पद के लिए PDA वर्ग से किसी को चुना जाएगा. 


यूपी विधानसभा से अखिलेश यादव के इस्तीफा देने के बाद नेता प्रतिपक्ष का पद खाली था. अखिलेश कन्नौज से सांसद बनकर संसद पहुंचे हैं. अखिलेश के इस्तीफे के बाद कहा जा रहा था कि शिवपाल यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है. लेकिन अखिलेश ने जब माता प्रसाद के नाम का ऐलान किया तो हर कोई हैरान रह गया. यहां तक कि खुद माता प्रसाद को भी यकीन नहीं हुआ.


हमें कुछ नहीं पता था- माता प्रसाद

नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद एक चैनल से बातचीत में माता प्रसाद ने कहा, ''अरे भैया हम नहीं जानते. हमें कुछ पता नहीं था.'' यानी अखिलेश के इस कदम का अंदाजा माता प्रसाद को खुद नहीं था.


कौन हैं माता प्रसाद पांडे?

82 साल के माता प्रसाद की गिनती सपा के वरिष्ठ नेताओं में होती है. वे 7 बार के विधायक हैं. पांडे सिद्धार्थ नगर की इटवा सीट से विधायक हैं. वे यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद पर अखिलेश यादव की जगह लेंगे. अखिलेश करहल सीट से विधायक थे. कन्नौज से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था. 

'सपा अध्यक्ष के फैसले का स्वागत''


सपा विधायक आशु मलिक ने कहा, हम सपा अध्यक्ष के फैसले का स्वागत करते हैं. हम माता प्रसाद को बधाई और शुभकामनाएं देते हैं. वे काफी अनुभवी हैं. वे विधानसभा अध्यक्ष भी रहे हैं. उन्हें नियमों की भी जानकारी है. हम जनता के मुद्दे सदन में अच्छे से उठाएंगे. अन्य नेताओं के नाम चलने के सवाल पर आशु मलिक ने कहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष जी का ये फैसला है. हम कार्यकर्ता हैं, उनके फैसले का स्वागत करते हैं.