Jalna Protest: महाराष्ट्र के जालना में हिंसा के बाद एसपी पर गिरी गाज, छुट्टी पर भेजा गया
Maratha Quota: सरकार ने जालना जिले के पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी को अनिवार्य अवकाश पर पर भेज दिया है. उनकी जगह शैलेश बलकवाड़े लेंगे.
Maratha Reservation Issue: महाराष्ट्र के जालना में हिंसा के बाद गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है और मौजूदा जिला पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी को छुट्टी पर भेजा दिया. उनकी जगह शैलेश बलकवाड़े को जालना के नए SP के तौर पर नियुक्त किया गया है. यह कार्रवाई मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किए जाने के बाद हिंसा भड़कने की घटना के दो दिन बाद की गई है.
जालना जिले में शुक्रवार (1 सितंबर) को भड़की हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने 40 लोगों को गिरफ्तार किया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस घटना में 40 पुलिसकर्मियों समेत कई अन्य लोग घायल हो गए थे. इस दौरान 15 से अधिक बसों को आग लगा दी गई थी. पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में करीब 360 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
बता दें कि मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर जारी आंदोलन शुक्रवार को जालना के अंतरवाली सराटी गांव में हिंसक हो गया था. इसमें दर्जनों पुलिस कर्मी सहित कई लोग घायल हो गए थे.
पुलिस ने किया था लाठीचार्ज
पुलिस ने हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर अधिकारियों को भूख हड़ताल पर बैठे एक व्यक्ति को अस्पताल ले जाने से रोक दिया था.
'आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध राज्य सरकार'
हिंसा के मद्देनजर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार मराठा समुदाय को शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है. महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में पत्रकारों से बात करते हुए सीएम शिंदे ने कहा, "मेरी सरकार राज्य में मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है. हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक समुदाय को वाजिब आरक्षण नहीं मिल जाता है."
उन्होंने कहा, "जब तक मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक पहले से क्रियान्वित सरकारी योजनाएं जारी रहेंगी और मराठा समुदाय के पात्र लोगों को इसका लाभ मिलेगा."
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था आरक्षण
राज्य सरकार ने मराठा समुदाय को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिया था. बाद में इसे सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की 50 प्रतिशत की ऊपरी सीमा का हवाला देते हुए रद्द कर दिया था.