प्रणब मुखर्जी की किताब पर घर में खिंची तलवारें, बेटा नहीं चाहते छपे किताब, लेकिन बेटी शर्मिष्ठा इसके खिलाफ
प्रणब मुखर्जी की ये किताब अगले साल जनवरी में आने वाली है और प्रकाशन से पहले ही किताब को लेकर काफी विवाद पैदा हो चुका है. किताब के मुताबिक, प्रणब मुखर्जी ने खुद लिखा है कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद कांग्रेस ने दिशा खो दी थी और सोनिया गांधी पार्टी के मामले संभाल नहीं पा रही थीं.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की किताब- 'द प्रसिडेंशियल इयर्स' को लेकर उनके ही दोनों बच्चे ट्विटर पर आपस में भिड़ गए हैं. उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस किताब के प्रकाशित होने का विरोध करने को लेकर अभिजीत के खिलाफ गुस्सा हो गई है. इससे पहले, प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि वे चाहते हैं कि जनवरी में रिलीज होने जा रही इस किताब के कंटेंट की समीक्षा की जाए. इसके साथ ही, अभिजीत ने इस बात की मांग की है कि इसका प्रकाशन तब तक रोका जाना चाहिए जब तक कि वे लिखित तौर पर सहमति नहीं दे देते हैं.
प्रकाशक को टैग करते हुए पूर्व कांग्रेस सांसद अभिजीत ने ट्विटर पर लिखा- मैं किताब के ऑथर का बेटा “द प्रसिडेंशियल मेमोइर्स” को लेकर आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया इसका प्रकाशन रोक दें, इसका कुछ हिस्सा पहले ही कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बिना मेरी लिखित सहमति के चल रहा है.
@kapish_mehra @Rupa_Books I , the Son of the author of the Memoir " The Presidential Memoirs " request you to kindly stop the publication of the memoir as well as motivated excerpts which is already floating in certain media platforms without my written consent .1/3
— Abhijit Mukherjee (@ABHIJIT_LS) December 15, 2020
अभिजीत मुखर्जी ने अपने ट्वीट में आरोप लगाया है कि किताब में कुछ अंश प्रेरित हैं और पहले से मीडिया में हैं. उन्होंने कहा कि अगर उनके पिता स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी भी ज़िन्दा होते तो प्रकाशन से पहले खुद पूरी किताब ज़रूर पढ़ना चाहते. अभिजीत मुखर्जी ने एबीपी न्यूज़ से कहा, “मुझे इस संदर्भ में जो भी कहना है, मैंने वो अपने ट्वीट में कह दिया है.”
हालांकि, अभिजीत के ट्वीट के महज कुछ ही घंटों बाद प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने अनावश्यक प्रकाशन पर रोक को लेकर भाई की आलोचना की. उन्होंने कहा कि अभिजीत को पुस्तक विमोचन में बाधा बनने से बचना चाहिए.
I, daughter of the author of the memoir ‘The Presidential Years’, request my brother @ABHIJIT_LS not to create any unnecessary hurdles in publication of the last book written by our father. He completed the manuscript before he fell sick 1/3
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) December 15, 2020
गौरतलब है कि प्रणब मुखर्जी की ये किताब अगले साल जनवरी में आने वाली है और प्रकाशन से पहले ही किताब को लेकर काफी विवाद पैदा हो चुका है. असल में इस किताब के मुताबिक, प्रणब मुखर्जी ने खुद लिखा है कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद कांग्रेस ने दिशा खो दी थी और सोनिया गांधी पार्टी के मामले संभाल नहीं पा रही थीं.
किताब के मुताबिक, प्रणब मुखर्जी ने ये भी लिखा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का अपने कार्यकाल में ज़्यादा वक्त यूपीए गठबंधन को बचाने में ही बीता, जिसका बुरा प्रभाव सरकार के कामकाज पर पड़ा. जाहिर है कि ऐसे में प्रणब मुखर्जी की ये किताब कांग्रेस की समस्याएं और बढ़ा सकती हैं.