तिरुवनंतपुरम: जहां एक ओर केरल राज्य नकदी की कमी से जूझ रहा है, वहीं दूसरी तरफ केरल के विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन ने 49,900 का चश्मा सरकारी खर्च पर खरीदा. यह बात तब सामने आई जब एक दिन पहले ही विधानसभा में वित्तमंत्री ने नकदी की कमी को लेकर कठोर कदम उठाने की बात कही.
आरटीआई कार्यकर्ता के मुताबिक, श्रीरामकृष्णन ने अक्टूबर 2016 से जनवरी 2018 के बीच 4.25 लाख का मेडिकल भुगतान चुकाने को लेकर क्लेम किया था. दूसरी आरटीआई जो कि डी बी बिंनू नामक वकील ने फाइल की उसमें जवाब में विधानसभा सचिवालय ने बताया की श्रीरामकृष्ण ने जो चश्मा खरीदा है उसका लैंस ही सिर्फ 45,000 का है और फ्रेम 4,900 का है. कुल मिलाकर चश्मे की कीमत 49,900 है. इसी आरटीआई में केरल के एक मंत्री के के शाइलाजा के बारे में भी पता चला कि इन्होंने भी 28,000 रुपये का चश्मा खरीदा और इसका बिल सरकारी ने गया.
इससे पहले बीजेपी नेता के सुरेंद्रन ने आरोप लगाया था कि शाइलाजा ने अपनी पत्नी के इलाज पर 9,000 रुपए के फर्जी दस्तावेज बनवाए थे. जिसकी जांच अभी विजिलेंस और एंटी करप्शन ब्यूरो कर रही है.
विधानसभा अध्यक्ष श्रीकृष्णन के मुताबिक, डॉक्टर ने उनको सलाह दी थी कि उनकी आखों में जो चश्मा लगना है वो काफी महंगा है. आगे कहते हैं कि मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं था इसलिए मैंने यह चश्मा खरीदा.
आरटीआई कार्यकर्ता बिनू कहते है कि साल 2004 में विधानसभा अध्यक्ष वक्कम पुरुषोत्तम ने निर्देश दिया था कि किसी भी जनप्रतिनिधि के चश्मे कि कीमत 5,000 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. यह आदेश ऐसे समय आया था जब राज्य में विधायकों ने सरकारी खर्च पर महंगे चश्मे खरीदे थे. बिनू ने दावा किया कि विधानसभा सचिवालय ने श्रीरामकृष्ण की ओर से जो बिल पेश किया गया उसकी कॉपी अभी उपलब्ध नहीं कराई है.
गौरतलब है की विधानसभा अध्यक्ष और विधायक ने नियम, 1994 के अनुसार (मेडिकल सुविधाएं) लेने का दावा किया है.