नई दिल्ली: बीजेपी सांसद राज बहादुर सिंह ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में अपनी सीट खंभे के पीछे होने का मुद्दा उठाते हुए खुद को ‘खम्भे का शिकार’ बताया. इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इसका जवाब अपने अंदाज में दिया. लोकसभा स्पीकर ने कहा कि वह भी पहले खंभे के पीछे बैठते थे.


दरअसल, शून्यकाल के दौरान राज बहादुर सिंह जब बोलने खड़े हुए तो सदन में लगी स्क्रीन पर उनका चेहरा नहीं दिखा. इस पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं खंभे का शिकार हूं, दिखता नहीं हूं.’’ इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि पहले मैं भी खम्भे के पीछे बैठता था.


वहीं, शून्यकाल के दौरान बीजेपी की लॉकेट चटर्जी ने पश्चिम बंगाल में पैरा-टीचरों की हड़ताल का मुद्दा उठाया और राज्य सरकार पर शिक्षकों को वेतन नहीं देने का आरोप लगाया. इस पर तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के सदस्यों में तीखी नोंकझोंक हुई.


कांग्रेस के हिबी इडेन ने बीएसएनएल के कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलने का मुद्दा उठाया और कहा कि सरकार को इस मामले पर ठोस कदम उठाना चाहिए. कांग्रेस के गुरजीत औजला, शिवसेना के गजानन कीर्तिकर और श्रीकांत शिंदे, बीजेपी के अर्जुन सिंह, जसकौर मीणा, धर्मवीर सिंह, गणेश सिंह, एम पटेल और तृणमूल कांग्रेस के प्रसून बनर्जी ने अपने क्षेत्रों तथा कई अन्य मुद्दे उठाए.


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