सिविल सेवा परीक्षा में लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला के चयनित होने के बाद कुछ लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. अंजलि बिरला के खिलाफ सोशल मीडिया पर इस बात की खूब चर्चा हुई कि उन्होंने अपने पिता के पद का लाभ लेते हुए सिविल सेवा की परीक्षा में सफलत पाईं. इन अफवाहों से परेशान अंजलि ने एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि ट्रोलिंग के खिलाफ भी कानून होना चाहिए और ऐसी फर्जी खबरें फैलाने वालों को जवाबदेह बनाना चाहिए.
अंजलि बिरला ने कहा है कि सिविल सर्विसेस की परीक्षा में शामिल हुए बिना ही इसमें सफलता हासिल करने संबंधी अफवाहों और सोशल मीडिया पोस्ट ने शुरुआत में मुझे बुरी तरह से परेशान किया था. टीवी चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा, ''ट्रोलिंग के खिलाफ भी कानून होना चाहिए. ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए. ऐसी फर्जी खबरें फैलाने वालों को जवाबदेह बनाना चाहिए. आज मैं इसका शिकार बनीं हूं, कल को कोई और इसका शिकार होगा.''
अंजलि ने कहा, ''मैंने पहले ही प्रयास में कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की है. मेरा नाम सिविल सर्विसेस मुख्य परीक्षा 2019 के मेरिट रोल में भी है लेकिन सोशल मीडिया के पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि मुझे पिता के पद का लाभ मिला और 'बैकडोर चैनल' से सिलेक्शन हुआ.''
अंजलि बिरला का पहली बार में ही सिविल सेवा की परीक्षा में चयन हो गया. वह आईएएस बनने तक महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम करना चाहती हैं. उन्होंने अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपनी बड़ी बहन आकांक्षा को दिया है.
अपनी छोटी बेटी की इस कामयाबी पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की पत्नी अमिता बिरला ने खुशी जताते हुए कहा था कि उसने शुरू से ही कुछ अलग करने का ठान लिया था. अमिता बिरला ने आगे कहा कि एक मां के लिए बेटी की इससे बढ़कर क्या कामयाबी हो सकती है.
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