नई दिल्ली: सेना के अधिकारियों ने कहा कि सशस्त्र बलों के लगभग 15 लाख कर्मियों को महामारी की जद में आने से बचाने के लिए तय किए गए सभी नियमों का कड़ाई से क्रियान्वयन होना चाहिए. उन्होंने कहा मुंबई में नौसेना के एक महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान में 26 नाविकों का कोरोना वायरस की चपेट में आना इस बारे में एक चेतावनी है.


उन्होंने कहा कि सेना के तीनों अंग पहले ही 'कोई आवागमन नहीं' की नीति लागू कर चुके हैं, जिसके तहत महत्वपूर्ण संचालन मामलों और रणनीतिक निगरानी से जुड़ी इकाइयों को छोड़कर उनके लगभग सभी प्रतिष्ठान पूर्ण लॉकडाउन के दायरे में लाए जा चुके हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी महामारी से निपटने की सशस्त्र बलों की पूरी तैयारी की समीक्षा कर रहे हैं.


नौसेना ने दिए निर्देश


नौसेना के एक अधिकारी ने कहा कि सात अप्रैल को संक्रमण के पहले मामले का पता चलने के बाद नौसेना ने सभी प्रशिक्षण गतिविधियों को निलंबित करने के साथ ही अपने सभी प्रतिष्ठानों को आदेश दिए हैं कि वे अपने कर्मियों और परिसंपत्तियों के किसी भी तरह के आवागमन को अनुमति न दें.


छुट्टी पर गए कर्मियों को घर में रहने के आदेश


उन्होंने कहा कि नौसेना ने सभी तबादलों और नई तैनाती को निलंबित करने के साथ छुट्टी पर गए कर्मियों को घर में ही रहने के आदेश दिए हैं. अलग-अलग पोतों और अन्य प्लेटफॉर्म पर तैनात कर्मियों से अपने प्रवास को वहीं विस्तारित करने को कहा गया है.


इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने कहा, "अब हम प्रतिष्ठानों और कमान के अंदर अपने कर्मियों के एक इमारत से दूसरी इमारत में जाने पर रोक लगा रहे हैं. हम प्रतिष्ठानों से बाहर जाने या अंदर आने जैसी गतिविधियों को भी प्रतिबंधित कर रहे हैं."


'कोरोना वायरस गंभीर समस्या'


नौसेना के पूर्व प्रवक्ता कैप्टन डी के शर्मा ने कहा कि स्थिति 'अत्यंत गंभीर' है और सशस्त्र बलों की सभी इकाइयों को प्रधानमंत्री और अपने बल प्रमुखों के निर्देशों का पालन करना चाहिए. शर्मा ने कहा, "हमें अपना मनोबल नहीं गिरने देना चाहिए. इस समय शक्ति एक साथ रहने में नहीं, बल्कि अलग रहने में है. "


वायुसेना ने भी जारी किए निर्देश


भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा कि वायुसेना मुख्यालय ने कर्मियों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए अपने सभी प्रतिष्ठानों को विशिष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं. भारतीय वायुसेना में अब तक संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है.


उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस प्रभावित देशों से अपने लोगों को निकालकर लाने के अलग-अलग मिशनों पर भेजे गए विमान को भी 14 दिन तक क्वारंटीन में रखा गया और उन्हें पूरी तरह संक्रमणमुक्त बनाने की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया.


चीन और पाकिस्तान की सीमा पर लगे जवानों पर विशेष ध्यान


थलसेना के एक अधिकारी ने कहा कि 15 लाख कर्मियों को वायरस से बचाने के लिए बल के सभी प्रतिष्ठानों में कठोर प्रोटोकॉल अपनाया जा रहा है. चीन और पाकिस्तान की सीमा से लगते अग्रिम प्रतिष्ठानों के संदर्भ में अधिकारी ने कहा कि वहां तैनात कर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए कड़े नियम अपनाए जा रहे हैं और उन क्षेत्रों में वायरस के पहुंचने की संभावना कम है.


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