थल सेना के पूर्व जनरल हुड्डा का बयान- उरी हमले से पहले ही दे दिया था सेना को ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का प्रशिक्षण
हुड्डा ने सितंबर 2016 में उरी आतंकी हमले के बाद सीमा-पार सर्जिकल स्ट्राइक के समय सेना की उत्तरी कमान की अगुवाई की थी.
नई दिल्ली: साल 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक की कमान संभालने वाले थल सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने बड़ा बयान दिया है. डीएस हुड्डा ने कहा है कि सेना को ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का प्रशिक्षण उरी हमले से पहले ही दिया जा चुका था. हुड्डा ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने सेना को सीमा पार हमले करने की अनुमति देने में बहुत बड़ा संकल्प दिखाया है, लेकिन सेना के हाथ उससे पहले भी बंधे हुए नहीं थे.
1947 से सेना स्वतंत्र है- डीएस हुड्डा
विज्ञापन संगठनों की तरफ से आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम 'गोवा फेस्ट' में हुड्डा ने कहा, "मौजूदा सरकार ने सीमा पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट में हवाई हमले की अनुमति देने में निश्चित रूप से महान राजनीतिक संकल्प दिखाया है. लेकिन इससे पहले भी आपकी सेना के हाथ नहीं बंधे थे." उन्होंने कहा, "सेना को खुली छूट देने के बारे में बहुत ज्यादा बातें हुई हैं, लेकिन 1947 से सेना सीमा पर स्वतंत्र है. इसने तीन-चार युद्ध लड़े हैं."
कार्रवाई का तुरंत जवाब देंगे हमारे सैनिक-हुड्डा
हुड्डा ने कहा, "नियंत्रण रेखा एक खतरनाक जगह है क्योंकि जैसा कि मैंने कहा कि आपके ऊपर गोलीबारी की जा रही है और जमीन पर सैनिक इसका तुरंत जवाब देंगे. वे (सैनिक) मुझसे भी नहीं पूछेंगे. कोई अनुमति लेने का कोई सवाल ही नहीं है. सेना को खुली छूट दी गई है और यह सब साथ में हुआ है, कोई विकल्प नहीं है."
हुड्डा ने सितंबर 2016 में उरी आतंकी हमले के बाद सीमा-पार सर्जिकल स्ट्राइक के समय सेना की उत्तरी कमान की अगुवाई की थी.
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