Assam Flood Update: असम (Assam) में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और राज्य के 35 में से 33 जिलों में लगभग 43 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों में भोजन (Food) और अन्य राहत सामग्री को हवाई मार्ग से गिराने का निर्देश दिया है. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) का एक विशेष विमान 21 जून को सिलचर में 1 लाख लीटर डीजल और पेट्रोल की आपूर्ती करेगा.


वहीं उन्होंने भारतीय रेलवे से भी बात की है और वह भी पूर्वोत्तर के इस क्षेत्र में एक विशेष राहत ट्रेन चलाने के लिए सहमत हो गई है. सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने जानकारी दी कि भारतीय सेना की कई टुकड़ियां बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राज्य सरकार के विभाग, कई सामाजिक संगठन राहत और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं. सीएम ने कहा कि नगांव और मोरीगांव जिले के 2000 से अधिक गांव अभी भी राज्य में बाढ़ के पानी की चपेट में हैं. हम वहां भी राहत और बचाव कार्य चला रहे हैं. 


मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 73
राज्य में जारी बाढ़ और भूस्खलन से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या सोमवार को बढ़कर 73 हो गई. मृतकों में नगांव जिले के एक थाना प्रभारी सहित दो पुलिसकर्मी शामिल हैं जो असहाय लोगों की मदद के लिए गए थे लेकिन बाढ़ के पानी में बह गए. अधिकारियों ने बताया कि सोमवार तड़के उनके शव बरामद किए गए.


सरमा ने अपने मंत्रियों, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और उपायुक्तों के साथ डिजिटल बैठक की. उन्होंने निर्देश दिया कि राहत और बचाव कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और इसमें कोई देरी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जहां बाढ़ की स्थिति गंभीर है और सेना, एनडीआरएफ या एसडीआरएफ की नौकाएं नहीं पहुंच पाई हैं, वहां राहत सामग्री हवाई मार्ग से गिराई जाए.


कानून नहीं, कार्रवाई पर ध्यान दें अधिकारी - सीएम हेमंत बिस्वा सरमा
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले कुछ दिनों तक जिले के अधिकारियों को प्रक्रिया संबंधी नियमों से सरोकार नहीं रखना चाहिए बल्कि प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि कुछ क्षेत्रों को राहत नियमावली में शामिल नहीं किया गया है, तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वे राज्य के स्वामित्व वाली प्राथमिकता विकास योजनाओं और मुख्यमंत्री राहत कोष के अंतर्गत आएं.


सरमा ने अधिकारियों को राज्य के नौ मेडिकल कॉलेजों की मदद से क्षेत्र-वार मेगा स्वास्थ्य शिविरों की योजना बनाने का निर्देश दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बाढ़ के बाद की बीमारियों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके. उन्होंने जिलों के उपायुक्तों को बाढ़ का पानी कम होते ही नुकसान का तुरंत आकलन शुरू करने और जल्द से जल्द काम पूरा करने का निर्देश दिया.


बाढ़ से कितने लोगों ने ली राहत शिविरों में शरण?
करीब 1.90 लाख लोगों ने 744 राहत शिविरों में शरण ली है. शिविरों में नहीं जाने वाले प्रभावित लोगों को 403 अस्थायी केंद्रों से राहत सामग्री वितरित की गई है. अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ (NDRF), एसडीआरएफ (SDRF), पुलिस (Police) और अन्य एजेंसियों ने अब तक करीब 30,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.


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