Jammu Kashmir Police: एनआईए की एक विशेष अदालत ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के ऐसे 13 आतंकवादियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है जो वर्तमान में सीमा पार से गतिविधियां चला रहे हैं. जम्मू कश्मीर पुलिस ने गुरुवार (2 मार्च) को इसकी जानकारी दी. 


किश्तवाड़ के पुलिस अधीक्षक खलील पोसवाल ने बताया, किश्तवाड़ थाने में भारतीय दंड संहिता और यूएपीए की विभिन्न धाराओं में पिछले एक साल में दर्ज आतंकवाद के मामलों में ये वारंट जारी किए हैं. 


क्या बोले पुलिस अधिकारी?
किश्तवाड़ा जिले के पुलिस अधिकारी ने कहा, किश्तवाड़ पुलिस के मुख्य जांच अधिकारी ने आतंकी गतिविधियों में संक्रिय संलिप्तता, चेनाब घाटी और जम्मू कश्मीर के अन्य इलाकों में अशांति फैलाने को लेकर आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने का अनुरोध विशेष एनआईए अदालत से किया. 


अधिकारी ने कहा, ‘‘1990 के दशक में आतंकवाद पनपने के बाद से तमाम आतंकी मारे गए हैं लेकिन हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 36 सदस्यों का एक समूह जिसके सभी सदस्य किश्तवाड़ के रहने वाले हैं, पाकिस्तान और पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में छिपे हैं और अशांति फैलाने वाली गतिविधियों में शामिल हैं. उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ दो मामले दर्ज हैं और एक मामले में उनके खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी किये गये हैं. 


NIA ने कश्मीर में आतंकी की संपत्ति नष्ट की
NIA ने शुक्रवार (3 मार्च) को उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर इलाके में हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बासित अहमद रेशी की संपत्ति कुर्क की. गृह मंत्रालय द्वारा हाल ही में बासित अहमद रेशी को आतंकवादी घोषित किया गया था. 


बता दें कि इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने 2 मार्च को आतंकवादी संगठन अल उमर मुजाहिदीन (एयूएम) के प्रमुख मुश्ताक जरगर की जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर जिले के नौहट्टा इलाके में स्थित संपत्ति को कुर्क किया था.  यह दोनों आतंकी कश्मीर में टारगेट किलिंग में शामिल थे.


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