विजय माल्या को समन जारीः भगोड़े आर्थिक अपराधी एक्ट के तहत 27 अगस्त तक पेश होने का निर्देश
इस समन के मुताबिक अगर माल्या 27 अगस्त को अदालत में पेश नहीं होता तो उस पर कड़ा एक्शन लिया जा सकता है और उसकी संपत्तियों को जब्त किया जा सकता है.
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नई दिल्लीः शराब कारोबारी विजय माल्या को विशेष एंटी मनी लॉन्ड्रिंग अदालत ने 27 अगस्त को पेश होने के लिए समन जारी किया है. एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने (ईडी) ने विशेष अदालत में विजय माल्या के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. इस समन के मुताबिक अगर माल्या 27 अगस्त को अदालत में पेश नहीं होता तो उस पर कड़ा एक्शन लिया जा सकता है और उसकी संपत्तियों को जब्त किया जा सकता है. अगर माल्या अदालत के सामने पेश नहीं हुआ तो उसकी 12,500 करोड़ रुपये की संपत्ति तुरंत जब्त कर ली जाएगी.
भगोड़े आर्थिक अपराधी अध्यादेश के तहत विजय माल्या को तलब किया गया है. ये केस उसपर देश के विभिन्न बैंकों का 9000 करोड़ रुपये लेकर भागने के मामले को लेकर है. प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामले को देख रहे विशेष जज एम एस आजमी ने ईडी की माल्या के खिलाफ दाखिल दूसरी चार्जशीट के बाद ये एक्शन लिया है. भगोड़े आर्थिक अपराधी अध्यादेश के तहत ये पहली कार्रवाई है और मोदी सरकार के इस अध्यादेश को लाने का यही मकसद था कि देश का पैसा लेकर विदेश जा चुके भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर कार्रवाई की जा सके.
माल्या के अदालत के सामने पेश न होने की सूरत में उसे आर्थिक भगोड़ा घोषित कर दिया जाएगा और उससे जुड़ी सारी संपत्तियों को कब्जे में ले लिया जाएगा. इससे पहले ईडी ने माल्या के खिलाफ 2 केस फाइल किए थे जिसके बाद विशेष अदालत ने विजय माल्या के लिए गैर-जमानती वॉरेंट जारी किए थे.
विजय माल्या ने हाल ही में कहा था कि वो बैंक डिफॉल्ट करने वालों का पोस्टर बॉय बन गया है और लोगों के गुस्से का शिकार हो रहा है. उसने ये भी कहा कि उसने 15 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री दोनों को पत्र लिखा था जिसमें उसने अपना पक्ष रखने की कोशिश की थी लेकिन दोनों की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला.
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