The Kashmir Files: साल 1990 के दशक में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की स्पेशल स्क्रीनिंग जम्मू में की गई. फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग के बाद फिल्म के निदेशक और कलाकारों ने दावा किया है के यह फिल्म कश्मीरी विस्थापन के सत्य को लोगों के सामने लाएगी.
फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने जम्मू में दावा किया कश्मीर समस्या का समाधान को राजनीति से जोड़ना या पॉलीटिकल विल से जोड़ना गलत है, क्योंकि लोकतंत्र में राजनीति को वोट बैंक चलाता है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में पंडितो का वोट बैंक नहीं है, इसलिए शायद इसका समाधान नहीं हो सका.
फिल्म में जो भी दिखाया गया है, वह सत्य पर आधारित- विवेक
रिलीज से पहले ही यह फिल्म विवादों में है और इस फिल्म के कुछ दृश्यों को लेकर कहीं लोग अदालत का दरवाजा खटखटा रहे हैं. विवेक अग्निहोत्री ने ऐसे लोगों को आड़े हाथों लेकर कहा कि इस फिल्म में जो भी दिखाया गया है, वह सत्य पर आधारित है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में 1990 में जो नारे लगाए गए या वहां दीवारों पर जो लिखा गया, वही इस फिल्म में दिखाया गया है, जो कुछ लोगों को अखर रहा है.
विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि द कश्मीर फाइल्स 2018 में बननी शुरू हुई थी. इसमें 4 साल की कड़ी रिसर्च और मेहनत है. उन्होंने कहा कि यह फिल्म आजाद भारत का वह कलंक है, जिसको किसी ने आज तक फिल्मी पर्दे पर लाने का प्रयत्न नहीं किया. उन्होंने दावा किया कि कश्मीर में 1990 में जो नरसंहार हुआ था, उसका सत्य है.
फिल्म में नरसंहार के प्रत्यक्ष रहे लोगों के इंटरव्यू लिए गए- विवेक
इस फिल्म में उन लोगों के इंटरव्यू लिए गए हैं, जो इस नरसंहार के प्रत्यक्ष रहे हैं. सरकारी अधिकारी, पुलिस अधिकारी, सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स और दोनों पक्षों के साक्षात्कार करने के बात इस इस फिल्म के सच को पिरोया गया. विवेक ने दावा किया कि 2019 में जब 370 हटाया गया, तब अमेरिका में फ्री कश्मीर का एक मुहिम चली. इस फिल्म को देखने के लिए पहली बार कैपिटल हिल्स में लोगों के लिए रिसेप्शन रखा गया और वहां पर इस बात को स्वीकार किया गया कि यह दुनिया की सबसे बड़ी त्रासदी है और यह नरसंहार है.