#MadhyaPradesh | संकट में कांग्रेस सरकार, फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे सकते हैं कमलनाथ
बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर बीजेपी विधायक दल की सुरक्षा की मांग की है.
भोपाल: मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकरा पर संकट के बाद छाए हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज विधानसभा अध्यक्ष ने विशेष सत्र बुलाया है. विधानसभा में कमलनाथ सरकार का आज बहुमत परीक्षण होगा. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आदेश दिया कि पूरी प्रक्रिया को शुक्रवार यानि आज शाम 5 बजे तक निपटा लिया जाए. 2 दिन तक चली सुनवाई के बाद आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विधानसभा के सत्र को 26 मार्च तक के लिए स्थगित करना सही नहीं था.
बहुमत परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे सकते हैं कमलनाथ मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज दोपहर 12 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बुलाई है. माना जा रहा है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री इस्तीफे का एलान कर सकते हैं. बता दें कि कल देर रात खबर आई कि विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस के बागी 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. यानी कि अब कांग्रेस के पास बचे हैं अपने ( 114-22) 92 विधायक जबकि बहुमत के लिए 100 से ज्यादा विधायक चाहिए होंगे. इसलिए कमलनाथ सरकार के पास बहुमत परीक्षण पास करना टेड़ी खीर है.
दो दिन की मैराथन सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? 2 दिन तक चली मैराथन सुनवाई के बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच ने वही आदेश दिया जो सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसले के मद्देनजर तय नजर आ रहा था. जजों ने कहा, “राज्य में 10 दिन के लिए विधानसभा को स्थगित करने का फैसला सही नहीं था. सत्र को कल ही बुलाया जाए और उसमें एक ही एजेंडा हो- राज्य सरकार का बहुमत परीक्षण. विधायक हाथ उठाकर मतदान करें. पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी हो. जजों ने यह भी साफ कर दिया कि जो विधायक बेंगलुरु में बैठे हैं, उन्हें भोपाल आने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.''
फैसले में लिखा गया है, “अगर विधायक बेंगलुरु में रहना चाहते हैं, तो कर्नाटक के डीजीपी उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें. अगर वह भोपाल आना चाहते हैं तो कर्नाटक के बीजेपी उनकी सुरक्षित रवानगी तय करें. मध्य प्रदेश के डीजीपी उन्हें सुरक्षित विधानसभा तक पहुंचाएं.''
कोर्ट ने यह बागी विधायकों के ऊपर ही छोड़ दिया है कि वह सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे या नहीं. विधायक पहले ही सरकार का साथ छोड़ चुके हैं. ऐसे में कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल गहरे हो गए हैं. विधायकों के नामौजूद रहने से बहुमत का आंकड़ा कमलनाथ के खिलाफ जाता हुआ नजर आ रहा है. वहीं कांग्रेस के 22 बागी विधायक जो बेंगुलरु में रुके हुए है वो फ्लोर टेस्ट में हिस्सा नहीं लेंगें.
शिवराज सिंह ने पुलिस से की सुरक्षा की मांग पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर बीजेपी विधायक दल की सुरक्षा की मांग की है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 20 मार्च 2020 को शाम पांच बजे तक मध्यप्रदेश विधानसभा में विश्वासमत परीक्षण किया जाना है. मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने के लिए बीजेपी के समस्त विधायक, सीहोर इछावर रोड पर स्थित होटलों से बसों से भोपाल प्रस्थान करेंगे.
उन्होंने कहा कि प्रस्थान का समय सुबह 8 बजकर 30 मिनट का होगा. वर्तमान राजनीतिक परिस्थियों में बीजीपी के विधायकों की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है. चौहान ने कहा कि ऐसी आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व शांति व्यवस्था भंग कर बीजेपी के विधायकों की बसों को रोक सकते हैं और हमला कर सकते हैं. साथ ही दंगे इत्यादि कराकर कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न कर सकते हैं.
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