सरकार सोमवार यानी आज से मोबाइल टेलीकॉम एयरवेव की नीलामी शुरू करने जा रही है. लगभग 2250MHz स्पेक्ट्रम - सिर्फ आरक्षित मूल्य पर लगभग 4 लाख करोड़ रुपये, विभिन्न बैंडों में बेचे जाएंगे. वहीं नामित 5G सेल बाद में की जाएगी. गौरतलब है कि नीलामी से एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और मार्केट लीडर रिलायंस जियो जैसी कंपनियां अपनी टेलीकॉम होल्डिंग्स में इजाफा कर सकेंगी. वे कुछ एयरवेव के लिए रिप्लेसमेंट स्पेक्ट्रम भी खरीदेंगे, जिसका कार्यकाल जल्द ही समाप्त हो रहा है.


नीलामी से सरकारी खजाने में धन की उम्मीद कर रही सरकार


बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल दिसंबर में बहुप्रतिक्षित बिक्री को मंजूरी दे दी थी और इसी के साथ नकदी की कमी से जूझ रही सरकार इस प्रक्रिया के माध्यम से सरकारी खजाने के लिए धनराशि की उम्मीद कर रही है. वहीं टेलीकॉम कंपनियों ने ये साफ कह दिया है कि उनकी बोली उतनी उत्साही नहीं हो सकती है क्योंकि वे भी आर्थिक रूप से चुनौतियों को सामना कर रहे हैं और इसलिए वे मुख्य रूप से अपने स्पेक्ट्रम होल्डिंग्स में अंतराल दर्ज करने पर ध्यान देंगे. वहीं कई विश्लेषकों ने 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में बिक्री को लेकर कुछ आशंका जाहिर की है. इनके मुताबिक ये तैनाती के लिए आकर्षक है, लेकिन "महंगा है" (यह 2016 में पिछले दौर में अनसोल्ड रहा था)


सरकार ने बिक्री में कुछ उत्साह लाने की कोशिश की थी


गौरतलब है कि अपनी ओर से सरकार ने केवल छह महीनों के नोटिस के साथ कंपनियों को प्रौद्योगिकी प्रगति और उन्नयन में बदलाव करने की अनुमति देकर बिक्री में कुछ उत्साह लाने की कोशिश की थी, इस प्रकार उन्हें मौजूदा एयरवेव पर 5 जी सेवाओं (सीमित क्षमताओं के साथ) लॉन्च करने में सक्षम बनाया गया था. इसका मतलब यह होगा कि जो कंपनियां पर्याप्त मात्रा में एयरवेव बनाती हैं, वे उच्च गति वाली मोबाइल सेवाओं के लिए निर्धारित विशेष स्पेक्ट्रम की बिक्री से पहले भी 5जी सेवाओं को लॉन्च कर सकती हैं.


जनवरी के अंत में एयरटेल ने पहले ही हैदराबाद में मौजूदा एयरवेव पर सीमित 5 जी लॉन्च का प्रदर्शन किया था और कहा था कि टेलिकॉम डिपार्टमेंट द्वारा इसे व्यावसायिक रूप से लॉन्च के लिए अनुमति दिए जाने का इंतजार है. वहीं दूरसंचार मंत्रालय ने कहा कि रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने नीलामी के लिए कुल कमाई का 13,475 करोड़ रुपये जमा किया है.


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