नई दिल्ली: राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के विदाई भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी शान में खूब कसीदे पढ़े थे. इतना ही प्रधानमंत्री एक घटना का जिक्र करते हुए भावुक भी हो गए और आखिर में उन्होंने गुलाम नबी आजाद को सैल्यूट भी किया. प्रधानमंत्री के विदाई भाषण के बाद से जम्मू कश्मीर से आने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलबाजी का दौर शुरू हो गया.


जहां एक ओर गुलाम नबी आजाद को एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार/ राज्यसभा का चेयरमैन बनाने की बातें चल रही हैं. तो वहीं दूसरी ओर कहा जा रहा है कि उन्हें किसी महत्वपूर्ण राज्य का गवर्नर बनाया जा सकता है. इसके साथ ही इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं बीजेपी उन्हें जम्मू कश्मीर में बड़ा रोल दे सकती हैं, जहां आने वाले कुछ समय में चुनाव भी होने वाले हैं.


जम्मू कश्मीर की बात करें तो जम्मू क्षेत्र में तो बीजेपी की पकड़ मजबूत है. लेकिन घाटी में बीजेपी के पास कोई ऐसा कद्दावर चेहरा नहीं है जो घाटी के लोगों के 'जख्मों पर मरहम' लगाने का काम कर सके. बहरहाल बीजेपी की बिल्कुल विपरीत विचारधारा को देखते हुए यह भी कहा जा रहा है कि गुलाम नबी आजाद के लिए भविष्य के लिए इस तरह के कयास लगाना फिलहाल जल्दबाजी होगी.


प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान भी राज्यसभा में गुलाम आजाद की कश्मीर के डीडीसी चुनाव में भूमिका के लिए तारीफ की थी. इस लिहाज से एक बार फिर भविष्य के लिए संभावाओं को बन मिलता दिखता है. प्रधानमंत्री मोदी के साथ पार्टी के सभी नेताओं ने गुलाम नबी आजाद की तारीफ की. आजाद अभी 71 साल के हैं, वह बीजेपी की आधिकारिक रिटायरमेंट की उम्र से कुछ साल पीछे हैं. अब देखना होगा कि 28 साल राज्यसभा में रहे गुलाम नबी आजाद का राजनीतिक भविष्य किस करवट बैठता है.


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