नई दिल्ली: प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों के सदस्यों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाले विशेष सुरक्षा दल (एसपीजी) पर अब सिर्फ चार लोगों की सुरक्षा का जिम्मा है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. इस बल में करीब 3000 कर्मी हैं. बल में कर्मियों की नियुक्ति विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों से प्रतिनियुक्ति पर होती है. एसपीजी काफी प्रशिक्षित इकाई है और यह सभी आधुनिक उपकरणों, वाहनों से लैस है.


एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि एसपीजी अपने 3,000 कमांडो के साथ अब सिर्फ चार लोगों - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके दो बच्चों - राहुल और प्रियंका को सुरक्षा प्रदान करता है. सरकार ने सोमवार को पुष्टि की कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दी गई एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई है. लेकिन उन्हें 'जेड-प्लस' सुरक्षा मिलती रहेगी.


एसपीजी की वेबसाइट के अनुसार उच्च नेतृत्व व्यावसायिकता तथा निकटवर्ती सुरक्षा प्रदान करना बल के अधिकारियों के अंतर्निहित गुण हैं एवं इन अधिकारियों को चुनौतियों का आगे बढ़कर मुकाबला करने के नैसर्गिक गुण को आत्मसात करना सिखाया जाता है. बल ऐसा कर पाने में इसलिए भी सफल रहा है क्योंकि उसने ना केवल अपनी कार्यप्रणाली में अभिनव प्रयोग किए हैं बल्कि आईबी, राज्य और केंद्रशासित बलों के साथ समग्र सुरक्षा व्यवस्था को अपनाया है.


अपने अधिकारियों के उच्च नेतृत्व गुण तथा बुद्धिमत्ता के कारण ही संभव हुआ है कि बल सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को अचूक तथा त्रुटिहीन सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है. इस बल में अनूठा सुरक्षा प्रोटोकॉल है और हर बार जब सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के यात्रा करने की उम्मीद होती है तो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई छोटी टीमें बनाई जाती हैं. एजेंसी के अधिकारी पहले ही उस स्थल पर जाते हैं और वीवीआईपी के आगमन से लगभग 24 घंटे पहले जगह को सुरक्षित बनाते हैं.


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