नई दिल्ली: मोदी सरकार सोमवार को ‘विशेष सुरक्षा समूह अधिनियम’ (एसपीजी एक्ट) संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश करेगी. इसमें किसी भी पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार को एसपीजी की सुरक्षा के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव किया गया है. कैबिनेट पहले ही एसपीजी कानून में संशोधन विधेयक को हरी झंडी दे चुकी है. संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बताया कि सोमवार को एसपीजी एक्ट में संशोधन के लिए विधेयक लाया जाएगा.


उल्लेखनीय है कि प्रतिष्ठित एसपीजी कमांडो देश के प्रधानमंत्री, उनके परिजनों, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा का जिम्मा संभालते हैं. सुरक्षा संबंधी खतरों के आधार पर यह सुरक्षा प्रदान की जाती है. प्रस्तावित विधेयक में पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवार के सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव किया गया है. सूत्रों के अनुसार, एसपीजी कानून के तहत पूर्व प्रधानमंत्री के पद छोड़ने के एक साल बाद तक या फिर खतरे के आंकलन के आधार पर एसपीजी सुरक्षा देने के प्रावधान में परिवर्तन नहीं किया जाएगा.


कांग्रेस ने बीते सप्ताह संसद के दोनों सदनों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने का मुद्दा उठाया था. हालांकि, सत्तारूढ़ बीजेपी ने कहा कि यह फैसला गृह मंत्रालय का है और इसमें कोई राजनीति नहीं है.


एसपीजी संशोधन विधेयक के साथ ही लोकसभा में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध विधेयक, दमन व दीव और दादरा और नगर हवेली का विलय कर एक केंद्र शासित प्रदेश में करने, दिल्ली में अनधिकृत कालोनियों के लोगों के सम्पत्ति संबंधी अधिकार विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक चर्चा और पारित होने के लिये पेश किए जाएंगे.


संविधान दिवस के अवसर पर 26 नवंबर को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक सेंट्रल हाल में बुलाई जायेगी. इसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे. लोकसभा में 25 नवंबर से शुरू सप्ताह के दौरान सरकारी कामकाज के आदेश पत्र के अनुसार, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक 2019 भी चर्चा और पारित होने के लिये पेश किया जायेगा जो राज्यसभा में पहले ही पारित हो चुका है.


लोकसभा में बीते शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (ई-सिगरेट) के उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर प्रतिबंध वाला विधेयक पेश किया गया जिसे आने वाले सप्ताह में चर्चा और पारित कराने के लिये रखा जायेगा. यह विधेयक कानून बनने के बाद सितंबर में इस संबंध में जारी अध्यादेश की जगह लेगा. निचले सदन में इसके अलावा औद्योगिक वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकार विधेयक 2019, जहाज पुनर्चक्रण विधेयक 2019 और औद्योगिक संबंध संहिता विधेयक 2019 भी पेश किया जायेगा.


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