नई दिल्ली: गांधी परिवार की सुरक्षा से एसपीजी का घेरा हटाए जाने का मुद्दा आज संसद के पहले ही दिन लोकसभा में उठा. सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोनिया गांधी की मौजूदगी में इस मामले को उठाते हुए सरकार पर विरोध की भावना से काम करने का आरोप लगाया.
अधीर रंजन ने तर्क दिया कि जब तक अटल बिहारी वाजपेयी जिन्दा थे उनकी सुरक्षा को कम नहीं किया गया तो फिर गांधी परिवार के सदस्यों के साथ ऐसा क्यों किया गया? कांग्रेस का कहना था कि गांधी परिवार ने अपने अहम सदस्यों को आतंकी हमलों में खोया है फिर ऐसे में गांधी परिवार की सुरक्षा क्यों हटाई गई.
गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा ये कारण देकर हटा ली थी कि गांधी परिवार एसपीजी सुरक्षा मानदंडों का खुद ही लंबे समय से ख्याल नहीं रखा था. और हालिया सुरक्षा समीक्षा इसकी जरूरत भी नहीं पायी गई.
संसद में उठा फारूक अब्दुल्ला की हिरासत का मुद्दा
आपको बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन आज लोक सभा में कांग्रेस ने फारूक अब्दुल्ला की हिरासत का मामला उठा दिया. कांग्रेस ने इस मामले पर स्थगन प्रस्ताव दिया था. जिसे लेकर कांग्रेस एनसीपी और डीएमके के नेताओं ने नारेबाजी भी की. हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव की अनुमती तो नहीं दी. मगर कांग्रेस को बोलने का मौका जरूर दिया.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने फारूक अब्दुल्ला को हिरासत में रखे जाने का कड़ा विरोध करते हुए सरकार से मांग की, कि फारूक अब्दुल्ला को सदन में आने का मौका मिलना चाहिए और उन्हे हिरासत में रखना गलत है. अधीर ने इस मसले पर पूरी बहस की मांग भी की.
संसद में बोलते-बोलते अधीर रंजन चौधरी ने यूरोपीय संसद से आए तमाम सांसदों के बारे में भी अभद्र टिप्पणी की. जिस पर बाद में लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी देश के सांसदों के बारे में कोई भी आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए. असल में अधीर आरोप लगा रहे थे कि एक तरफ तो विपक्ष के प्रतिनिधिमंडल को श्रीनगर एयरपोर्ट से ही जबरन वापस लौटा दिया गया. वहीं दूसरी तरफ यूरोप से आए सांसदों को श्रीनगर जाने की अनुमती दिया जाना देश के सांसदों के साथ गलत है.