दिल्ली: कोविड-19 महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान प्रदूषण में बेहद कमी आई थी. पर्वत श्रृंखलाओं की छवियां जो दशकों पहले दिखाई देती थी प्रदूषण में आई कमी के कारण फिर से दिखाई देने लगीं. वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ लेकिन जैसे-जैसे लॉकडाउन खुल रहा है प्रदूषण एक बार फिर बढ़ता हुआ नजर आ रहा है.
देश की राजधानी दिल्ली में तो हालात बेहद ही खराब हो गए है. संस्था "स्फीहा" जो पर्यावरण संरक्षण को लेकर लगातार काम कर रही है उसने इस दिशा में जागरूकता फैलाने के लिये ड्राइंग और पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया. इस प्रतियोगिता की थीम पर्यावरण संरक्षण थी.
दिल्ली में भी बड़ी संख्या में बच्चों ने लिया प्रतियोगिता में भाग, 4 महाद्वीपों में 215 जगह हुई थी प्रतियोगिता
"स्फीहा" से जुड़े दिल्ली के जाने-माने डॉक्टर एमएस भारद्वाज ने बताया कि यह प्रतियोगिता बच्चों के लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का एक शानदार तरीका भी है. साथ ही जब अभिव्यक्ति को पर्यावरण चेतना के साथ जोड़ा जाएगा तो इसका असर ज्यादा होगा. इस प्रकार की ड्राइंग और पेंटिंग प्रतियोगिता बच्चों में उचित कौशल विकसित करने के साथ-साथ लिखने, पढ़ने, रचनात्मकता और आत्म-सम्मान बढ़ाने में मदद करता है.
"स्फीहा" ने इस प्रतियोगिता को 4 महाद्वीपों में फैले दुनिया भर के 215 से अधिक स्थानों पर आयोजित किया. जिसमें 4000 बच्चों ने भाग लिया. दिल्ली में भी इस प्रतियोगिता में बड़ी संख्या मे बच्चों की भागीदारी रही.
दिल्ली की इस ज़हरीली आबोहवा में पर्यावरण संरक्षण है बेहद जरूरी
राजधानी दिल्ली में भी जिस तरीके से हवा बेहद जहरीली होती जा रही है उसको लेकर सरकार के कदम उठाने के साथ-साथ आम आदमी की भी भागीदारी बेहद जरूरी हो गई है. पटाखों पर लगाए गए बैन के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण भी बेहद जरूरी हो जाता है. जरूरी है कि लोग आगे आए पेड़ पौधे लगाए जिससे इस जहरीली हवा को सास लेने लायक बनाया जा सके.
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