नई दिल्ली: क्रिकेट के सफलतम खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर का जादू खेल से सन्यास लेने के बाद भी बोल रहा है. क्रिकेट का मैदान छोड़े हुए उन्हें कई साल हो गये, लेकिन उनके प्रशसकों की दीवानगी कम नहीं हुई है. उन्हीं में से एक हैं गुजरात के शोधकर्ता ध्रुव प्रजापति. जिन्होंने मकड़ी की दो नई प्रजातियों की खोज की है. सचिन तेंदुलकर उनके पसंदीदा खिलाड़ी रहे हैं. लिहाजा, उन्होंने मकड़ी की एक प्रजाति का नाम उनके नाम पर रख दिया है. ‘मारेंगो सचिन तेंदुलकर’ नाम की यह मकड़ी केरल, तमिलनाडु और गुजरात में पाई जाती है.


कौन हैं ध्रुव प्रजापित ?


ध्रुव प्रजापति गुजरात में इकोलोजीकिल एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन से जुड़े हुए हैं. स्पाइडर टैक्सोनोमी में PhD करनेवाले ध्रुव के प्रेरणा स्त्रोत भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलकर रहे हैं. वैज्ञानिक ने सचिन के सम्मान में अपनी श्रद्धा प्रकट करने का अनोखा तरीका अपनाया.


मारेंगो सचिन तेंदुलकर’ प्रजाति की खोज
2015 में ‘मारेंगो सचिन तेंदुलकर’ प्रजाति की खोज करनेवाले धुर्व ने रिसर्च और पहचान का काम 2017 में पूरा किया. उनकी खोज की गई मकड़ी की दूसरी प्रजाति का नाम संत कुरियाकोस इलियास चावरा से प्रेरित है. चावरा केरल में शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में जागरुकता पैदा करने अग्रणी लोगों में रहे हैं. ध्रुव का कहना है कि ये दो नई प्रजातियां एशियन जंपिंग स्पाइडर्स के जीन्स इंडोमैरेंगो और मैरेंगो का हिस्सा हैं.


तो अगर आप ध्रुव के किये गये शोध को और विस्तार से पढ़ना चाहते हैं, जानना चाहते हैं कि उन्होंने अपने शोध को किस तरह अंजाम दिया तो आपको रूसी का जर्नल का अध्ययन करना पड़ेगा. क्योंकि उनका किया गया अध्ययन रूसी जर्नल में अर्थरोपोड़ स्लेक्टा शीर्षक से सितंबर अंक में छपा है.