मथुरा: धर्म गुरू अधोक्षजानंद देव तीर्थ महाराज ने शनिवार को सु्प्रीम कोर्ट से श्री-श्री रविशंकर को मध्यस्थता समिति से हटाये जाने का अनुरोध किया. SC ने आठ मार्च को राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का सर्वमान्य समाधान खोजने के लिये पूर्व न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति का गठन किया था.
अधोक्षजानंद देव तीर्थ महाराज ने कहा, ‘‘मैं मध्यस्थता समिति का गठन करके इस विवाद का सर्वमान्य समाधान निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट के विचार की सराहना करता हूं. मैं उनसे श्री श्री रविशंकर को बदलने का आग्रह करता हूं क्योंकि वह पहले एक समझौता फॉर्मूला के अपने मिशन में विफल रहे थे. इसलिए उन्हें दोनों पक्षों द्वारा गंभीरता से नहीं लिया जा सकता है.’’
धर्म गुरू ने हालांकि स्पष्ट किया कि उनकी रविशंकर के साथ कोई शत्रुता नहीं है. उन्होंने कहा कि रविशंकर का समझौता फॉर्मूला दोनों समूहों को स्वीकार्य नहीं था. मध्यस्थता के लिये गठित समिति के अन्य सदस्यों में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पांचू शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मोदी को राम मंदिर के निर्माण के लिए एक विधेयक लाना चाहिए था क्योंकि लोगों ने उन्हें उत्तर प्रदेश और केन्द्र में बड़ा जनादेश दिया था. माहौल भी अनुकूल था, लेकिन अब...समय बीत चुका है.’’
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