श्रीनगर: शहर के जवाहर नगर में महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) विधायक के घर पर तैनात एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) शुक्रवार को कई राइफलें लेकर भाग गया. पुलिस ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि एसपीओ आदिल बशीर 10 राइफलों के साथ लापता है. वो वाछी निर्वाचन क्षेत्र से पीडीपी के विधायक एजाज अहमद मीर के आवास पर गार्ड रूम में तैनात था.
एसपीओ दक्षिण कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित शोपियां जिले से ताल्लुक रखता है. वह पांच एके 47 राइफल, चार इंसास राइफल और एक पिस्तौल लेकर भाग गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी कि एसपीओ को पकड़ने के लिए पूरी कश्मीर घाटी में एलर्ट घोषित कर दिया गया है.
सकते में डालती SPOs से जुड़ी कई खबरें
एसपीओ से जुड़ी ये पहली ऐसी खबर नहीं जो आपको सकते में डाल दे. दरअसल, आतंकी जम्मू-कश्मीर में होने जा रहे पंचायत चुनाव का विरोध कर रहे हैं. चुनाव को किसी भी सूरत में रोकने के लिए आतंकियों ने अब पंचायत घर जला रहे हैं. चुनाव की घोषणा के बाद से अब तक 10 पंचायती घरों को फूंका गया है. इतना ही नहीं आतंकी जम्मू कश्मीर पुलिस में तैनात एसपीओ को नौकरी छोड़ने की धमकी भी दे रहे हैं.
कुछ दिनों पहले आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन ने एक आॉडियो क्लिप जारी कर एसपीओ को इस्तीफा देने की धमकी दी थी. धमकी में कहा गया था कि सभी एसपीओ अपने इस्तीफे का ऐलान स्थानीय मस्जिद से जाकर करें. बात ना मानने पर नतीजा भुगतने की चेतावनी दी गई थी.
9 चरणों में होने हैं चुनाव
बीते रविवार को ही चुनाव आयोग ने राज्य में पंचायत चुनावों की घोषणा की. चुनाव आयोग ने बताया कि चुनाव नौ चरणों में कराए जाएंगे. पूरी चुनावी प्रक्रिया 17 नवम्बर से 17 दिसम्बर तक पूरी करनी है. वोटिंग नौ चरणों में 17 नवंबर, 20 नवंबर, 24 नवंबर, 27 नवंबर, 29 नवंबर, 1 दिसंबर, 4 दिसंबर, 8 दिसंबर और 11 दिसंबर को होगी. वोटों की गिनती आखिरी दिन यानी 11 दिसंबर को होगी. नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी चुनावों का बहिष्कार किया है. इसके समर्थन में कई अन्य दल भी आ चुके हैं. बीजेपी और कांग्रेस को छोड़ दें तो अभी तक कोई बड़ा दल चुनाव में नहीं है.
आतंकियों ने 3 पुलिस कर्मियों की हत्या की
बीते दिनों दक्षिण कश्मीर में आतंकियों ने जम्मू कश्मीर पुलिस के तीन एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफीसर) की अगवा कर हत्या कर दी. आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के 10 पुलिसवालों के घर को निशाना बनाया था और तीन पुलिसवालों को अगवा कर ले गए थे जिसके उनके शव बरामद हुए. जिन पुलिसवालों की हत्या हुई है उनके नाम फिरदौस अहमद, कुलदीप सिंह और निशान अहमद हैं.
कई पुलिसवालों ने किया नौकरी छोड़ने का ऐलान
आतंकी जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों में डर बिठाने के लिए उनकी अगवा कर हत्या कर रहे हैं. आतंकियों का ये गेम प्लान काफी हद तक कामयाब भी रहो हा है. तीन पुलिसवालों की हत्या के बाद अब तक कई पुलिसवालों ने जम्मू कश्मीर पुलिस से इस्तीफा दे दिया है.
अपहरण कर हत्या की यह पहली घटना नहीं
बता दें इससे पहले भी आतंकी पुलिस वालों और सेना के जवानों को अगवा कर चुके हैं. हाल ही में पुलिस आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर में ही पुलिसकर्मियों के नौ परिजनों को अगवा को अगवा कर लिया था. बाद में इन्हें छुड़वा लिया गया था.
पिछले साल मई महीने में आतंकियों ने सेना के लेफ्टिनेंट उमर फैयाज का अपहरण कर हत्या कर दी थी. 22 साल के लेफ्टिनेंट उमर फैयाज छुट्टी में शादी में शरीक होने अपने घर आए थे. इस साल जून महीने में सेना के जवान औरंगजेब की भी अपहरण कर हत्या कर दी थी. आतंकियों ने औरंगजेब के साथ बदसलूकी का वीडियो भी जारी किया था.
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