New Delhi: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में गुरुवार को बताया कि 104 यूट्यूब चैनल, 45 वीडियो, चार फेसबुक अकाउंट, तीन इंस्टाग्राम अकाउंट, पांच ट्विटर हैंडल और छह वेबसाइटों को गलत सूचना फैलाने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा करने के आरोप में ब्लॉक कर दिया गया है. ठाकुर ने कहा, "सरकार ने आईटी नियमों के तहत ये कार्रवाई की है और जरूरत पड़ने पर हम भविष्य में ऐसी कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचाएंगे."
राज्यसभा में सवालों के जवाब में ठाकुर ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए भारत की संप्रभुता या अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा, विदेशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के हित में डिजिटल मीडिया पर सामग्री को हटाने या ब्लॉक करने का प्रावधान है. इसके तहत राज्यों या सार्वजनिक व्यवस्था या उपरोक्त से संबंधित किसी भी संज्ञेय अपराध के कमीशन को रोकने के लिए सरकार कार्रवाई कर सकती है.
आईटी नियमों के तहत की गई कार्रवाई
उन्होंने कहा कि आईटी नियमों के भाग- II के प्रावधानों के तहत, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 2021 से 2021 तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वेबपेजों, वेबसाइटों, पोस्ट और खातों सहित 1,643 उपयोगकर्ता-जनित URL को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए गए हैं.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार, 22 दिसंबर को राज्यसभा में बताया कि इस सप्ताह की शुरुआत में YouTube ने भारत के सुप्रीम कोर्ट, भारत के मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत के चुनाव आयोग के बारे में गलत सूचना प्रसारित करने के लिए 30 करोड़ से अधिक व्यूज और 33 लाख सब्सक्राइब वाले तीन चैनलों को ब्लॉक कर दिया था.
फर्जी खबरों को लेकर सरकार की सख्ती
अनुराग ठाकुर बीजेपी के राज्यसभा सदस्य जुगलसिंह लोखंडवाला के एक सवाल का जवाब दे रहे थे. सवाल डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रसारित होने वाली ‘फर्जी खबरों’ को लेकर था. सवाल के जवाब में ठाकुर ने कहा कि हमने उन चैनलों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिन्होंने आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत लोगों को गुमराह करने और समाज में भय और विभाजन पैदा करने का प्रयास किया है.
बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने बच्चों को निशाना बनाने वाले यौन प्रकृति के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सवाल पूछा जिस पर ठाकुर ने कहा कि नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले ऐसे किसी भी विज्ञापन की तुरंत पहचान की जाती है और बनाने वालों को नोटिस भेजा जाता है.