Parliament Session: 'मोबाइल में पेगासस डाल कर हुई जासूसी'- संसद में कांग्रेस नेता ने लगाए ये आरोप तो भड़के अमित शाह, जानें क्या कुछ कहा?
Pegasus Spyware: केंद्रीय गृहमंत्री ने कांग्रेस सांसद से कहा कि बेबुनियाद आरोप न लगाएं. जासूसी को लेकर कोई आधार पेश करें. सदन गंभीरता के साथ बहस के लिए है. बिना किसी तथ्य के बात रखने के लिए नहीं.
Parliament News: बुधवार को संसद में पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus Spyware) का मामला एक बार फिर जोर-शोर से उछला. दरअसल लोकसभा में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi) ने केंद्र सरकार पर पेगासस स्पाइवेयर के जरिये नेताओं और पत्रकारों की जासूसी का आरोप लगाया. गोगोई के इस आरोप पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) भड़क गए और कहा कि अगर ऐसा है तो आप सबूत दें और अपना मोबाइल दिखाएं.
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के आरोपों पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि उन्होंने बेहद गंभीर आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार पेगासस स्पाइवेयर के जरिये नेताओं और पत्रकारों की जासूसी करती थी. अगर ऐसा है तो उन्हें सदन में सबूत पेश करना होगा. उन्होंने आगे कहा कि अब या तो वह इसका सबूत दें या फिर इस बयान को सदन से हटा दिया जाना चाहिए. यह सदन निराधार आरोपों के लिए नहीं है.
भड़क गए अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि वह बेबुनियाद आरोप ना लगाए. गौरव गोगोई जासूसी को लेकर कोई आधार पेश करें. उन्होंने कहा सदन गंभीरता के साथ बहस के लिए है. बिना किसी तथ्य के बात रखने के लिए सदन नहीं है. केंद्रीय गृहमंत्री के इस जवाब के बाद गोगोई ने कह कि हम सदन में जो भी बात रखते हैं, वह जिम्मेदारी के साथ रखते हैं.
बीच-बचाव के लिए उतरे लोकसभा स्पीकर
बहस बढ़ते देख लोकसभा स्पीकर ओम बिरला बीच-बचाव के लिए उतरे. बिरला ने कहा उच्च सदन की अपनी गरिमा होती है. ऐसे में कोई भी आरोप बिना तथ्यों के नहीं लगाने चाहिए. इससे सदन की मर्यादा को ठेस पहुंचती है. मामला शांत होने के बाद गोगोई ने केंद्र सरकार से पूछा कि आजतक सरकार ने ड्रग्स माफियाओं को पकड़ने के लिए सर्विलेंस का इस्तेमाल किस तरह से किया है. इसकी जानकारी सदन को दी जानी चाहिए.
पहले भी हो चुका है पेगासस पर बवाल
बता दें कि इस साल अगस्त में पेगासस स्पाईवेयर को लेकर बहुत हंगामा हुआ था. इस मामले की गूंज संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सुनाई दी. विपक्ष ने सरकार पर पेगासस के जरिए जासूसी कराने का आरोप लगाया था. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. तब कोर्ट ने एक तकनीकी समिति नियुक्त कर इसपर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा.