Sri Lanka Crisis: श्रीलंका संकट पर सरकार की सर्वदलीय बैठक, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा- कई मायनों में अभूतपूर्व स्थिति
श्रीलंका मुद्दे पर बुलाई गई बैठक में जयशंकर ने कहा कि वहां गंभीर संकट है, कई मायनों में अभूतपूर्व स्थिति है, मामला करीबी पड़ोसी से जुड़े होने के कारण हम स्वाभाविक रूप से परिणामों को लेकर चिंतित हैं.
Sri Lanka Crisis: पड़ोसी देश श्रीलंका पिछले कुछ महीनों से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. इस संकट के मद्देनजर मंगलवार को केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नेताओं को बताया कि भारत की नजर पूरे हालात पर है. इस बैठक में विदेश मंत्री के अलावा संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम, मणिक्कम टैगोर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद हैं.
बैठक में जयशंकर ने कहा, ''श्रीलंका में बहुत गंभीर संकट है, कई मायनों में अभूतपूर्व स्थिति है. चूंकि मामला करीबी पड़ोसी से संबंधित है, हम स्वाभाविक रूप से परिणामों को लेकर चिंतित हैं.'' इस बैठक में कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम, वाईएसआरसीपी के विजयसाई रेड्डी, अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई, नेकां के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, द्रमुक के टीआर बालू, एमडीएमके के वाइको, भाकपा के बिनॉय विश्वम और अन्य सांसद श्रीलंका की स्थिति पर पार्टी के सभी नेताओं की बैठक के लिए पहुंचे.
#WATCH | Delhi: Govt's all-party leaders’ meeting on the situation in Sri Lanka begins in Delhi. EAM Dr S Jaishankar briefs the MPs. pic.twitter.com/3U7Ft6pJ2S
— ANI (@ANI) July 19, 2022
श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण भोजन, ईंधन और दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं के आयात में बाधा आ रही है. सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शनों के बाद आर्थिक संकट से उपजे हालातों ने देश में राजनीतिक संकट को जन्म दे दिया है. कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने देश में आपातकाल लगाया हुआ है.
श्रीलंका की स्थिति पर सर्वदलीय बैठक की हुई थी मांग
संसद के मॉनसून सत्र से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान तमिलनाडु के दलों द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने भारत से श्रीलंका के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की. उस बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा था कि सरकार मंगलवार को श्रीलंका की स्थिति पर एक सर्वदलीय बैठक करेगी.
श्रीलंका में क्या और कैसा है माहौल?
पड़ोसी देश श्रीलंका को करीब 2.2 करोड़ की अपनी आबादी की बुनियादी जरूरतें पूरा करने के लिए अगले छह महीनों में पांच अरब डॉलर की जरूरत है. पिछले कई महीनों से देश में जरूरी सामान और ईंधन की किल्लत बनी हुई है. रविवार को प्रदर्शन के 100 दिन पूरे हो गए. सरकारी विरोधी प्रदर्शनों की शुरुआत नौ अप्रैल को हुई थी. प्रदर्शनों के बाद गोटबाया राजपक्षे को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना पड़ा. राजपक्षे (73) श्रीलंका छोड़कर बुधवार को मालदीव गए और फिर बृहस्पतिवार को सिंगापुर पहुंचे. उन्होंने शुक्रवार को इस्तीफा दिया था.