Sri Lanka Crisis: श्रीलंका की आर्थिक स्थिति पर भारत (India)ने फिर से चिंता जताई है और वहां के नागरिकों के लिए हरसंभव सहायता देने की बात कही है. मंगलवार को तिरुवनंतपुरम में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM Dr S Jaishankar ) ने कहा कि श्रीलंका की वर्तमान स्थिति संवेदनशील और जटिल है. हमारा समर्थन श्रीलंका के लोगों के लिए है क्योंकि वे हमारे पड़ोसी हैं. हम उनके जीवन के बहुत कठिन दौर से गुजरने में उनकी मदद करना चाहते हैं.
भारत के लिए 'पड़ोस पहले' की नीति
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा था कि भारत ने आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका (Inflation In Sri Lanka) की मदद के लिए 3.8 अरब अमेरिकी डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है. उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi)की ‘पड़ोस पहले' (Neighbours First Policy) नीति के तहत सरकार देश के पड़ोसियों की जरूरतों को पूरा करने की कोशिश करने और उनकी मदद करने के लिए विशेष प्रयास करती है.
एस जयशंकर ने कहा था कि, ‘‘हमने श्रीलंका को ‘लाइन ऑफ क्रेडिट'(Line Of Credit) दिया है, जिसके कारण पिछले कई महीनों से भारत से आवश्यक वस्तुएं उनके पास जा रही हैं, हमने उन्हें ईंधन की खरीद के लिए भी ‘लाइन ऑफ क्रेडिट' दिया है, फिलहाल, हमारा ध्यान संकट से उबरने में उनकी मदद करने पर है.
#WATCH The situation in Sri Lanka is sensitive & complicated. Our support is for the people of Sri Lanka because they are our neighbours. We want to help them go through a very difficult phase in their lives: EAM Dr S Jaishankar in Thiruvananthapuram pic.twitter.com/HCxy6pKnY8
— ANI (@ANI) July 12, 2022
अमित शाह ने कहा-भारत तेजी से बढ़नेवाली अर्थव्यवस्था
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि आज भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. 2022 में, 8.2% की विकास दर के साथ, हम दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते देश हैं. उन्होंने कहा कि हमने दुनिया की तुलना में मुद्रास्फीति को नियंत्रित किया है. हम श्रीलंका, पाकिस्तान और हमारे पड़ोसी देशों यहां तक कि अमेरिका की भी आर्थिक स्थिति को देख रहे हैं.
शरणार्थी संकट से किया इनकार
जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार हमेशा से श्रीलंका से दोस्ती निभाती रही है, उसका समर्थन करती रही है . आज पड़ोसी देश आर्थिक संकट का सामना कर रहा है तो हम अपने पड़ोसी देश की हरसंभव मदद करने की कोशिश कर रहे हैं. जयशंकर ने श्रीलंका की मौजूदा स्थिति के परिणामस्वरूप शरणार्थी संकट की आशंका से भी इनकार किया.
श्रीलंका की जनता का आरोप है कि देश में आर्थिक संकट वहां के राजनीतिक हालात की वजह से पैदा हुए हैं. इसे लेकर जनता में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित कैबिनेट मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा है. राष्ट्रपति गोटाबाया के इस्तीफे का आधिकारिक ऐलान बुधवार को होना है. इसके बाद देश में सर्वदलीय सरकार बनेगी.
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