Tamil Nadu Fishermen Arrested: श्रीलंकाई नौसेना ने शनिवार (3 फरवरी) को रामेश्वरम और थंगाचीमादम से 23 मछुआरों को गिरफ्तार कर, उनकी मोटर वाली दो नौकाओं को भी जब्त कर लिया. मछुआरे नेदुनथीवु में मछली पकड़ने में लगे हुए थे, जब उन्हें श्रीलंकाई नौसेना ने गिरफ्तार कर लिया. इसे लेकर अब तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में रविवार (4 फरवरी) को मछुआरा संघों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की धमकी दी.


श्रीलंकाई अधिकारी 23 मछुआरों को माइलिटी बंदरगाह ले गए हैं और उन्हें कोर्ट में पेश किए जाने की संभावना है. मछुआरा संघों की ओर से रविवार को थंगाचीमादम में एक तत्काल बैठक बुलाई गई, जहां एक प्रस्ताव पारित किया गया. इसके तहत केंद्र सरकार से श्रीलंका के 23 मछुआरों की रिहाई सुनिश्चित करने की अपील की गई. 


पारित किया गया प्रस्ताव


इस बैठक में श्रीलंका के बंदरगाहों में पड़ी जब्त की गई 150 मोटर वाली नौकाओं को बिना किसी देरी के वापस लेने का प्रस्ताव भी पारित किया गया, क्योंकि इससे मछुआरों को कर्ज से मुक्ति मिलेगी. प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि यदि मछुआरों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो मछुआरे लोकसभा चुनाव 2024 का बहिष्कार करेंगे और अपने किसी भी सदस्य को रामेश्वरम और थंगाचीमादम के मछली पकड़ने वाले गांवों में मतदान केंद्रों पर वोट डालने की अनुमति नहीं देंगे. 


23 मछुआरों की हुई गिरफ्तारी


श्रीलंकाई नौसेना कर्मियों ने शनिवार रात जे सहायराज और ए जेम्स की नावें पकड़ लीं, जिनमें 23 मछुआरे मध्य समुद्र में मछली पकड़ने में लगे हुए थे. इसके बाद उन्हें श्रीलंका ले जाया गया. मछुआरा संघ के नेताओं ने गिरफ्तारियों की निंदा की और कहा कि हाल के दिनों में श्रीलंकाई नौसेना की ओर से पाक खाड़ी के पानी में मछुआरों को गिरफ्तार करना एक नियमित मामला बन गया है.


छह साल में 150 नौकाओं को जब्त किया


बीते 21 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से ठीक पहले 18 जनवरी को करीब 10 मछुआरों को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति के कारण उन्हें दो दिन में छोड़ दिया गया था.


एसोसिएशन के नेता जेसु राजा ने बताया कि 2018 से 2024 तक श्रीलंकाई नौसेना के जवानों ने 150 नौकाओं को जब्त कर लिया है. हालांकि गिरफ्तार मछुआरों को केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के कारण रिहा कर दिया गया, लेकिन नौकाओं को श्रीलंकाई हिरासत से रिहा नहीं किया गया. 


'मछुआरों की आजीविका हुई प्रभावित'


मछुआरा संघ के नेता जॉनसन सेबेस्टियन ने कहा, "प्रत्येक नाव की कीमत लगभग 25 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये है. नावों को जब्त किए जाने के बाद मछुआरों की आजीविका प्रभावित हुई है." उन्होंने केंद्र सरकार से शीर्ष स्तर पर हस्तक्षेप करने और 2018 से जब्त की गई सभी नौकाओं को वापस लाने में मदद करने का भी आह्वान किया.


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