Sri Lanka Political Crisis: श्रीलंका (Sri Lanka) इन दिनों अपनी आजादी के बाद के सबसे बड़े आर्थिक संकट (Economic Crisis) का सामना कर रहा है. इस आर्थिक संकट की वजह से वहां की जनता ने राष्ट्रपति भवन (Presidential Palace) पर कब्जा कर लिया. जिसके बाद देश के राष्ट्रपति ने 13 जुलाई को अपने इस्तीफे का एलान कर दिया है.


देश में राष्ट्रपति चुनाव की डेट आ चुकी है और जल्द ही वहां पर नई सरकार का गठन किया जाएगा. इस संकट पर भारत की लगातार नजर बनी हुई है और वह वहां पर हर संभव मदद उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहा है. श्रीलंका भारत का पड़ोसी देश है और अगर पडोसी दिवालिया हो जाए तो आप खुश नहीं रह सकते हैं. इसलिए यहां पर यह समझे जाने की जरूरत है कि आखिर इससे भारत पर क्या नुकसान पड़ सकता है. 


श्रीलंका में संकट से भारत पर क्या असर पड़ेगा?
श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता की वजह से भारत के समुद्री कारोबार पर असर पड़ेगा. क्योंकि भारत के मालवाहक जहाजों की आवाजाही में कोलंबो बंदरगाह की अहम भूमिका है. भारत आने वाले साठ फीसदी जहाज इसी बंदरगाह से गुजरते हैं. वहीं भारत के कई सामान श्रीलंका की बाजार में बिकते हैं और श्रीलंका उन सामानों को खरीदता है. भारत हर साल श्रीलंका में 4 अरब डॉलर के सामान का निर्यात करता है.  


श्रीलंका में अस्थिरता से भारत के रियल एस्टेट और पेट्रोलियम रिफाइनरी सेक्टर को भी नुकसान पहुंचेगा, क्योंकि भारत का श्रीलंका के इन क्षेत्रों में भी व्यापक स्तर पर निवेश है. कर्ज देने के मामले में चीन और जापान के बाद भारत का नंबर आता है. ऐसे में अगर वहां पर हालात और बदतर होते हैं तो भारत ने जो कर्ज दिया है वो पैसा वहां पर फंस जाएगा.


श्रीलंका में बन सकते हैं गृहयुद्ध जैसे हालात?
यही नहीं अगर वहां पर लगातार अराजकता बढ़ती है तो वहां पर स्थिति को काबू करने के लिए वहां की सेना को हस्तक्षेप करना पड़ सकता है. ऐसे में वहां पर गृहयुद्ध (Civil War) जैसे हालात भी बन सकते हैं. जिससे बड़ी मात्रा में श्रीलंकाई नागरिक (Sri Lankan Citizens) शरणार्थी (Refugee) बनकर भारत आ सकते हैं जिससे भारत को देश में बड़े शरणार्थी संकट (Refugee Crisis) का भी सामना करना पड़ सकता है.


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