श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में अब वीएचपी और मंदिर आंदोलन से जुड़े संत भी होंगे
कल राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक दिल्ली में होगी.बैठक में तय किया जाएगा कि मंदिर तैयार करने की रूपरेखा क्या होगी.
नई दिल्ली: श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक 19 फरवरी को दिल्ली में होगी. ट्रस्ट के कई मेंबर मीटिंग के लिए यहां पहुंच चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्रस्ट के गठन का ऐलान किया था. पहली बैठक में अध्यक्ष का चुनाव होगा. फिर कोषाध्यक्ष का चुनाव होगा. अब तक मिली जानकारी में सबसे पहले ट्रस्ट के बाकी सदस्यों के नाम तय किए जाएंगे. विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय का नाम तय है. उन्हें इस बारे में बता दिया गया है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय महंत नृत्य गोपाल दास को भी ट्रस्ट में लाने का मन बना चुकी है. उन्हें भी दिल्ली बुलाया गया है.
राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल का नाम ट्रस्ट में ना होने पर विरोध हो गया था. मंदिर आंदोलन से जुड़े अयोध्या के साधु संत नाराज थे. लेकिन बाद में उन्हें समझा बुझा लिया गया. बीजेपी नेताओं ने अमित शाह से महंत की फोन पर बात करवाई. ये कहा गया था कि मुकदमा होने के कारण महंत को ट्रस्ट से बाहर रखा गया था. ट्रस्ट के एक और सदस्य के नाम पर अभी फैसला होना बाकी है. ट्रस्ट में तीन सरकारी अधिकारियों को भी शामिल किया गया है. अयोध्या के डीएम अनुज झा को भी बैठक में बुलाया गया है. ट्रस्ट में एक सीनियर आईएएस अफसर यूपी सरकार का प्रतिनिधि होगा. जबकि केन्द्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव से ऊपर स्तर के अधिकारी को भी ट्रस्ट में रखा गया है. ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य हैं.
अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने की जिम्मेदारी अब इसी ट्रस्ट पर है. सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील के पाराशरण इसके अध्यक्ष हो सकते हैं. अब सब ये जानना चाहते हैं कि मंदिर कैसा बनेगा ? कब तक बनेगा ? तय है कि पहली बैठक में सारे सवालों के जवाब नहीं मिल सकते हैं. कुछ लोग चाहते हैं कि राम जन्म भूमि न्यास के प्रस्तावित मॉडल पर मंदिर बने. अयोध्या में दो जगहों पर पिछले कई सालों से पत्थर तराशे जा रहे हैं. राजस्थान से लाकर इन गुलाबी पत्थरों पर नक्काशी का काम जारी है. मॉडल के हिसाब से दो तिहाई पत्थर तराशे जा चुके हैं. लेकिन जानकारों की मानें तो इस तरह के पत्थरों के रंग कुछ सालों बाद बदल जाते हैं. सालों से खुले में रखने पर पत्थर पर काई लग चुकी है. अगर न्यास के मॉडल पर मंदिर नहीं बना तो फिर मंदिर कैसा होगा ? कौन डिजाइन करेगा. मंदिर के निर्माण पर कितना खर्च होगा ? पैसा कहां से आएगा ? ट्रस्ट की बैठक में इस पर भी चर्चा हो सकती है. मंदिर के निर्माण से लेकर अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा की जिम्मेदारी भी ट्रस्ट की होगी.खबर लिखे जाने तक ट्रस्ट की मीटिंग का एजेंडा फाइनल नहीं हुआ है. बताया गया है कि बैठक से कुछ देर पहले ही सबको एजेंडा मिलेगा. लेकिन फोन कर ट्रस्ट के सदस्यों को बातचीत का एजेंडा मोटे तौर पर समझा दिया गया है. ट्रस्ट के अब तक के सदस्य इस प्रकार से हैं-
1. के पाराशरण, सुप्रीम कोर्ट के वकील 2. जगतगुरू वासुदेवानंद सरस्वती 3. स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ महाराज, कर्नाटक4. परमानंद जी महाराज
5. गोविंद देव गिरी जी महाराज
6. अनिल मिश्र, अयोध्या
7. विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र,अयोध्या
8. दिनेंद्र दास, अयोध्या
9. कामेश्वर चौपाल
पिछले 27 सालों से अयोध्या के राम लला टेंट में हैं. लोग भव्य राम मंदिर की प्रतीक्षा कर रहे हैं. टेंट में भगवान राम के दर्शन के लिए सिर्फ दो सेंकेंड का समय मिलता है. श्रद्धालुओं को भगवान ठीक से दिखते भी नहीं हैं. भक्त और रामलला के बीच में लोहे की मोटी छड़ें लगी होती हैं. यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने भी अयोध्या में देश की सबसे ऊंची भगवान राम की मूर्ति बनाने का फैसला किया है. दीवाली से एक दिन पहले सरयू किनारे लाखों दिए जलाने की परंपरा भी शुरू हुई है.ये भी पढ़ें-
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