नई दिल्ली: एबीपी न्यूज से बात करते हुए आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने अपने विवादास्पद बयान पर सफाई दी है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्री श्री ने कहा था कि अगर अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनेगा तो भारत में सीरिया जैसे हालत हो सकते हैं. अब श्री श्री रविशंकर कह रहे हैं कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है.


अयोध्या विवाद में उस समय नया मोड़ आ गया जब खबर फैली कि आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने अपने बयान में कहा है कि यह मामला नहीं सुलझा तो देश सीरिया बन जाएगा. अयोध्या मुस्लिमों का धार्मिक स्थल नहीं है और उन्हें इस धार्मिक स्थल पर अपना दावा छोड़ कर मिसाल पेश करनी चाहिए.


बरेली के आला हजरत दरगाह में चादर चढ़ाने पहुंचे श्री श्री रविशंकर से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उनका जवाब उनके बयान से अलग था. अब श्री श्री आग्रह कर रहे हैं कि उनके बयान को गलत संदर्भ में पेश करके अयोध्या विवाद को और नहीं उलझाया जाए लेकिन खबर उन्हें भी है कि उनके सीरिया वाले बयान की जमकर आलोचना हो रही है.


असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर कहा कि रविशंकर संविधान और कानून में भरोसा नहीं रखते हैं. वो खुद को ही कानून समझते हैं. वे धमका भी रहे हैं और उकसा भी रहे हैं.


यहां आपको बता दें कि अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में 14 मार्च से सुनवाई शुरू होने वाली है लेकिन श्री श्री रविशंकर इस पक्ष में है कि इस विवाद को कोर्ट के बाहर ही सुलझा लिया जाए ताकि आपसी सौहार्द बना रहे. इसीलिए श्री श्री अलग अलग मुस्लिम धर्मगुरुओं से मिल रहे हैं और इसी कड़ी में वो आज बरेली पहुंचे थे.


इस मुलाकात के बाद मुस्लिम धर्मगुरु तौकीर रजा ने कहा कि अगर कोर्ट के बाहर समझौता हो जाता है तो इससे बेहतर कुछ नहीं होगा.


अयोध्या विवाद से जुड़े तमाम पक्षकारों से मिलने के लिए श्री श्री पिछले साल नवंबर में अयोध्या पहुंचे थे. उसके बाद 8 फरवरी को उन्होंने बेंगलुरू में भी मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाकात की थी लेकिन अब तक आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट की उनकी कोशिश परवान नहीं चढ़ी है. अलबत्ता सीरिया वाले बयान को लेकर श्री श्री जरूर एक नये विवाद में फंस गये हैं.