पटना: जब से बिहार में 'महागठबंधन' टूटा है तब से लालू यादव और सीएम नीतीश कुमार के बीच जुबानी जंग चल रही है. हाल ही में नीतीश कुमार ने लालू यादव की भागलपुर की सभा को 'आत्मघाती नुक्कड़ नाटक' बताया था, इस पर मंगलवार को लालू यादव के बेटे तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर पलटवार किया. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के इस बयान को लोकतंत्र का अपमान बताया. लालू यादव और तेजस्वी यादव ने कहा कि हम जनता के प्रतिनिधि हैं, विपक्ष हैं और जनता सृजन घोटाले की जानकारी चाहती है.


नीतीश कुमार के स्टेपनी हैं सुशील मोदी: लालू यादव


पटना में मीडिया से बात करते हुए लालू यादव ने नीतीश-मोदी की जोड़ी पर जमकर हमले किए. आरजेडी सुप्रीमो ने सुशील मोदी को नीतीश कुमार का स्टेपनी बता दिया. सृजन घोटाले का ज़िक्र करते हुए लालू यादव ने कहा कि जब तक नीतीश कुमार और सुशील मोदी पर एफआईआर दर्ज नहीं होता वो दम नहीं लेंगे. लालू यादव ने दस्तावेज दिखाते हुए नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने दावा किया कि 10 जुलाई से ही सरकारी चेक बाउंस होने शुरू हो चुके थे लेकिन इसके बावजूद सृजन घोटाला और एक महीने तक छिपाया गया.


जनता के बीच जाकर स्पष्टीकरण दें नीतीश कुमार: लालू यादव


लालू यादव ने ये भी दावा किया कि नीतीश कुमार को घोटाले में फंसने का आभास हो गया था, इसीलिए 10 जुलाई से लेकर 26 जुलाई के बीच नीतीश कुमार लगातार दिल्ली के चक्कर लगाते रहे. इसके बाद बीजेपी के साथ डीलिंग करके और महागठबंधन तोड़कर नीतीश ने नई सरकार बना ली. लालू यादव ने मांग की कि जिस तरह से नीतीश कुमार, तेजस्वी को जनता के सामने स्पष्टीकरण देने की बात कर रहे थे उसी तरह अब वो ख़ुद जनता के बीच जाएं.


नीतीश पर तंज कसते हुए लालू यादव ने कहा, ''नीतीश कुमार हमको मर्यादा का पाठ पढ़ा रहे हैं जैसे वो हमारे हेडमास्टर हैं. मैं पॉलिटिकल साइंस का स्टूडेंट रहा हूं और नीतीश कुमार इंजीनियरिंग के थे...इस घोटाले में इन्होंने अपनी इंजीनियरिंग का बख़ूबी इस्तेमाल किया है.''


नीतीश कुमार सबसे बड़े 'नैतिक भ्रष्टाचारी': तेजस्वी यादव


बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पिता के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि नीतीश कुमार पर बीजेपी का जबरदस्त दबाव था. उनके पास दो ही रास्ते थे कि या तो वो जेल जाएं या फिर महागठबंधन तोड़ें. तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को सबसे बड़े 'नैतिक भ्रष्टाचारी' की संज्ञा दे डाली. तेजस्वी ने सवाल उठाया कि जब 2006 में ही तत्कालीन डीएम ने सृजन के सभी प्राजेक्ट्स को रोककर सारा सरकारी पैसा वापस करने का आदेश दिया था फिर दुबारा से पैसों के ट्रांस्फर का आदेश किसने दे दिया, आख़िर कैसे 2017 तक ये घोटाला लगातार चलता रहा?


नीतीश अपने प्रवक्ताओं को सुबह-सुबह फ़ोन करके बताते हैं कि क्या बोलना है: तेजस्वी 


तेजस्वी यादव ने महागठबंधन टूटने और नई सरकार बनने की प्रक्रिया में राज्यपाल की भूमिका को भी संदिग्ध बता दिया. तेजस्वी ने पूछा कि आख़िर राज्यपाल महोदय उन्हीं दो दिन बिहार में कैसे मौजूद थे जबकि उनको बिहार का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, ये ऐसे तो नहीं हो सकता, ये पहले से ही तय था. तेजस्वी ने दावा किया कि नीतीश कुमार ख़ुद तो मीठा-मीठा बोलते हैं लेकिन अपने प्रवक्ताओं को सुबह-सुबह फ़ोन करके बताते हैं कि क्या बोलना है.


हालांकि इनकम टैक्स ने लालू परिवार की जो प्रॉपर्टी अटैच की है उसके ऊपर एबीपी न्यूज़ के सवाल को लालू-तेजस्वी ने टाल दिया. लालू-तेजस्वी बार-बार 2008 की कैग रिपोर्ट का ज़िक्र कर रहे थे. एबीपी न्यूज़ ने जब उनसे पूछा कि कैग रिपोर्ट की कॉपी तो आरजेडी विधायकों को भी दी गई होगी, उस समय पीएसी के चेयरमैन आरजेडी के ही अब्दुल बारी सिद्दीक़ी थे फिर आप लोगों ने उस समय क्यों नहीं देखा? 2015 में दोबारा सरकार में आने पर क्यों नहीं कार्रवाई की? इस सवाल पर लालू-तेजस्वी गोल-मोल जवाब देते रहे.