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जम्मू कश्मीर: घरों में इलाज करा रहे कोरोना मरीजों को कल बांटी जाएगी कोविड किट

जम्मू कश्मीर सरकार काफी देरी के बाद कोरोना से लड़ने के इस तरीके पर पहुंची है जहां पर घरों में उपचार कर रहे मरीजों के बारे में कोई फैसला लिया गया हो.

श्रीनगर: कोरोना की मार झेल रहे जम्मू-कश्मीर में घर में खुद का उपचार कर रहे मरीजों के लिए प्रशासन की नींद खुली है. कई हफ्तों की देरी के बाद अब कश्मीर और जम्मू में होम क्वारंटाइन में रह रहे कोरोना मरीजों को कोविड किट कल बांटे जाएंगे. बड़ी संख्या में घर पर उपचार कर रहे लोगो में संक्रमण के बिगड़ते लक्षणों के बाद यह फैसला लिया गया है. हालांकि विशेषज्ञ इसको बहुत देरी से लिया गया फैसला बता रहे हैं.

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने ट्विटर पर कहा कि प्रदेश में सभी कोरोना के मरीजों में यह किट मुफ्त देंगे. कश्मीर और जम्मू के डिविजनल कमिश्नर इस स्कीम का उद्घाटन करेंगे. सरकार की तरफ से जारी जानकारी के अनुसार  पॉजिटिव आने वाले सभी मरीजों को दिए जाने वाले किट में एक ऑक्सीमीटर, पेरासिटामोल खांसी और गले की दवाई, एंटी वायरल- Ivermectin, एंटीबायोटिक, जिंक और विटामिन की गोलियों के साथ-साथ संक्रमण से लड़ने के तरीके और उपाय वाले दो पंपलेट भी होंगे.

"जम्मू में देरी से लिया गया ये फैसला"
कोरोना का उपचार कर रहे एक प्रमुख डॉक्टर जो सरकार की तरफ से जारी नए आदेश के डर के चलते अपना नाम जाहिर नहीं कर सकते, उनके अनुसार दिल्ली जैसे केंद्र शासित प्रदेश में कोरोना की पहली लहर के बाद ही होम कॉरंटीन में रहने वाले मरीजों को यह सुविधाएं मिली थी जिसके चलते वहां इस संक्रमण पर भी काबू पा लिया गया और अस्पतालों पर दबाव भी काम पड़ा. लेकिन जम्मू-कश्मीर में यह फैसला बहुत ज्यादा देरी से लिया गया है. 

इसके साथ-साथ किट में मरीजों के लिए कॉल सेंटर, डॉक्टरी सलाह और ऑक्सीजन वॉर रूम के नंबर भी होंगे जिन पर यह मरीज सब सुविधाएं एक साथ हासिल कर सकेंगे. लेकिन इसके साथ-साथ कुछ विवादित फैसले भी लिए गए हैं. जिनमें प्राइवेट लोगों और स्वयंसेवी संगठनों को दिए जाने वाले ऑक्सीजन पर प्रतिबंध और सभी सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के सीधे एडमिशन पर प्रतिबंध भी शामिल है. 

कुछ फैसलों पर विवाद
इन फैसलों के अनुसार श्रीनगर में किसी भी कोरोना मरीज के हालात बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती से पहले - दक्षिण और उत्तरी श्रीनगर में बने दो सेंटर में जाकर डॉक्टर से मिलना होगा और उनके आदेश पर ही 6 बड़े  और 7 छोटे अस्पतालों में से किसी एक में एडमिशन मिलेगा. जब कि घर में उपचार कर रहे मरीज या फिर मरीजों में मुफ्त ऑक्सीजन बांट रहे एनजीओ के लिए ऑक्सीजन सिर्फ मंजूरी के बाद ही दिया जा सकेगा. 

एक तरफ घर में उपचार कर रहे मरीजों के लिए लिए गए दो विपरीत फैसले और उसके बाद अब कोविड किट बांटने के फैसले दोनों ही मरीजों की भलाई वाले बताए जा रहे. श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर अजाज असद के अनुसार ऑक्सीजन की काला  बाजारी को रोकने के लिए ऑक्सीजन वितरण को नियंत्रित किया गया है और अस्पतालों पर दबाव काम करने के इरादे से 'TRIAGE CENTRE' शुरू किए गए है. 

लेकिन यह बात सच है कि जम्मू कश्मीर सरकार काफी देरी के बाद कोरोना से लड़ने के इस तरीके पर पहुंची है जहां पर घरों में उपचार कर रहे मरीजों के बारे में कोई फैसला लिया गया हो. अभी तक सरकार की प्राथमिकता अस्पतालों में ईलाज करा रहे मरीजों पर थी. प्रदेश में बड़ी तेजी से फैल रहे संक्रमण और अस्पतालों में बेड की कमी के बाद सरकार ने यह नए कदम उठाए हैं. जिनमें अस्पतालों और घर में रह रहे मरीजों दोनों के बारे में बड़े अहम फैसले लिए गए है. 

जम्मू कश्मीर में कोरोना की स्थिति
पिछल 24 घंटो में जम्मू कश्मीर में रिकॉर्ड 5443 नए मामले रिकॉर्ड हुए, जिनके साथ ही एक्टिव संक्रमित लोगों की संख्या 44307 तक पहुंच गयी. लेकिन इन कोरोना मरीजों में से केवल 2611 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं जिन में से 2220 ऑक्सीजन सपोर्ट पर और 104 वेंटीलेटर पर हैं. 

लेकिन इससे बड़ी चिंता इस बात से है कि अकेले मई महीने के दस दिनों में 342 लोगों की मौत करोना से हुई है जिनमें से ज्यादातर ऐसे लोग थे जो पहले घर में उपचार कर रहे थे. इसीलिए अब सरकार की नींद खुली है जब 2612 लोगों की जान चली गयी है.

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