Srinagar-Ladakh Weather: कश्मीर घाटी और लद्दाख के अधिकांश स्थानों पर लंबे समय तक शुष्क मौसम जारी है. इस वजह से दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के कई हिस्सों में पारा सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. शीत लहर ने पूरे कश्मीर में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर सहित अधिकांश क्षेत्रों में इस मौसम की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई.
श्रीनगर में अब तक की सबसे ठंडी रात माइनस 6.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई, जबकि दक्षिण कश्मीर का शोपियां मैदानी इलाकों में सबसे ठंडा इलाका रहा, जहां न्यूनतम तापमान माइनस 10.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. अनंतनाग शहर में माइनस 9.9 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ ठंडी रात रही और पुलवामा शहर में भी न्यूनतम तापमान माइनस 9.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि लार्नू में माइनस 9.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
कैसा है कश्मीर और लद्दाख का हाल?
कश्मीर में जोजिला सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान -24.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसके अलावा, प्रसिद्ध स्की-रिसोर्ट गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान माइनस 6.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पर्यटन स्थल पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 8.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. लद्दाख क्षेत्र में न्योमा सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 24 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि द्रास में रात का तापमान शून्य से 14.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. राजधानी लेह में तापमान शून्य से 11.8 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा, जबकि कारगिल में भी न्यूनतम तापमान शून्य से 13.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया.
अगले दो दिन के लिए मौसम विभाग का अनुमान
मौसम विभाग ने 21 और 22 दिसंबर के बीच ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी का अनुमान लगाया है, जबकि जम्मू-कश्मीर में 28 दिसंबर तक आमतौर पर ठंड और शुष्क मौसम जारी रहने की संभावना है. सुबह के समय तेज ठंड के कारण कई इलाकों में नल जम गए है और लोगों ने पानी के पाइपों के आसपास छोटी-छोटी आग जलाकर पानी की आपूर्ति को पूरी करनी पड़ी. चिल्लई कलां की शुरुआत के साथ तेज ठंड के कारण डल झील के कुछ हिस्सों सहित अधिकांश जल निकाय जम गए और बर्फ की पतली परत से ढक गए.
40 दिनों तक चलने वाली भीषण सर्दी
40 दिनों तक चलने वाली भीषण सर्दी की अवधि जिसे स्थानीय तौर पर 'चिल्लई कलां' के नाम से जाना जाता है, कल से शुरू होगी और 30 जनवरी को समाप्त होगी. अत्यधिक ठंड की इस अवधि के दौरान, अधिकतम तापमान भी गिरता है जिससे ठंड और बढ़ जाती है.इसके अलावा, यहां के मौसम वैज्ञानिकों ने 31 दिसंबर तक कोई बड़ी मौसमी गतिविधि नहीं होने की भविष्यवाणी की है.
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