बढ़ते कोरोना से निपटने के लिए श्रीनगर में बना कंट्रोल रूम, कॉल सेंटर के जरिए प्रशासन कर रहा मदद
कोरोना की दूसरी लहर में श्रीनगर सब से ज्यादा प्रभावित जिला है और यहां पर इस समय भी सात हज़ार के करीब एक्टिव पॉजिटिव केस हैं. पिछले एक हफ्ते से लगातार हर दिन 500 से ज्यादा नए मामले भी आने के कारण बहुत बड़ी संख्या में इलाकों को बंद कर दिया गया है.
श्रीनगर: कोरोना पर बढ़ते संक्रमण के लिए जम्मू-कश्मीर में प्रशासन कई कदम उठा रहा है. इनके ज़रिये बढ़ते हुए मामलों के बीच लोगों को राहत पहुंचाने का काम किया जा रहा है. श्रीनगर में एक कोरोना कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहाँ से न सिर्फ कोरोना के मरीज़ों को मदद मिल रही है पर साथ साथ आम नागरिकों को भी मदद मिल रही है.
श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर अजाज़ असद के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर शुरू होते ही श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर ऑफिस में कंट्रोल रूम को चालू कर दिया गया था. इस का प्राथमिक काम नए आने वाले कोरोना पॉजिटिव मामलों की कांटेक्ट ट्रेसिंग था लेकिन अभी इस का काम कई और क्षत्रों में फेल गया है.
कॉल सेंटर की अगुवाई एक आईएएस रैंक का अधिकारी कर रहा है और इसमें कई डॉक्टर के साथ साथ एक 30 फ़ोन नंबर वाला कॉल सेंटर भी जुड़ा हुआ है. सेंटर के इंचार्ज मसरत हाशिम के अनुसार कॉल सेंटर से कोरोना के मरीज़ों का हाल चाल, कांटेक्ट ट्रेसिंग और होम क्वारंटाइन में बैठे लोगों तक डॉक्टरी सलाह और इमरजेंसी सेवाएं दी जा रही हैं.
सेंटर का काम कितना बढ़ा है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहाँ 30 मार्च से पहले सेंटर से प्रतिदिन 150-160 कॉल लोगों को जाती थी. वहीं आज यह संख्या 3000-3200 कॉल प्रतिदिन तक बढ़ चुकी है.
मसरत हाशिम के मुताबिक कोरोना संक्रमण की पुष्टि के बाद उनके लोग तब तक लोगो के संपर्क में रहते हैं जब तक वह ठीक नहीं हो जाते. इमरजेंसी की सूरत में किसी भी मरीज़ की जान ना जाए इसी लिए उनके लोग 24 घंटे डेस्क पर होते है. कोरोना मरीज़ के ऑक्सीजन की कमी या फिर किसी और इमरजेंसी की सूरत में तुरंत अस्पताल पहुंचाने की भी सुविधाएं दे रहे हैं.
कोरोना की दूसरी लहर में श्रीनगर सब से ज्यादा प्रभावित जिला है और यहां पर इस समय भी सात हज़ार के करीब एक्टिव पॉजिटिव केस हैं. पिछले एक हफ्ते से लगातार हर दिन 500 से ज्यादा नए मामले भी आने के कारण बहुत बड़ी संख्या में इलाकों को बंद कर दिया गया है.
डिप्टी कमिश्नर अजाज़ असद के मुताबिक इस बढ़ती हुई लहर पर लगाम कसने के लिए प्रशासन ने करीब 60 कॉलोनीज को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया है. ऐसे कंटेनमेंट जोन में लोगों को खाने पीने का सामान पहुंचाने और अन्य सुविधाएं देने में भी कंट्रोल रूम और कॉल सेंटर मसीहा बन गया है.
खास तौर पर ऑनलाइन शिक्षा ले रहे छात्रों के लिये इसी लिए कंट्रोल रूम में "स्टूडेंट्स स्पीक" करके एक अलग सेक्शन बनाया है. इस सेक्शन में केवल छात्रों और शिक्षा को लेकर आने वाली समस्याओं को सुलझाने के लिए काम होता है जो कोवि के दौरान ही सामने आयी है.
श्रीनगर में कोविड कंट्रोल रूम और कॉल सेंटर की सफलता के बाद अभ अन्य जिलों में भी इस तरह के सेंटर खोले जा रहे हैं. जिससे कोरोना के बढ़ते मामलों से उत्पन्न होने वाली समस्याओं का निपटारा किया जा सके.